FTA: भारत और ईएफटीए के बीच होगा फ्री ट्रेड अग्रीमेंट, यूरोप के साथ बढ़ेगा व्यापार
India EFTA Agreement: ईएफटीई यूरोप के चार देशों का एक क्षेत्रीय व्यापार संगठन है. इसमें आइसलैंड, लाइकेस्टाइन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड शामिल हैं. एग्रीमेंट से गुड्स एवं सर्विसेज की ट्रेड बढ़ जाएगी.
India EFTA Agreement: भारत और चार देशों के यूरोपीय संगठन ईएफटीए (European Free Trade Association) के बीच रविवार को फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) होने जा रहा है. इस समझौते में गुड्स, सर्विसेज और इनवेस्टमेंट शामिल हैं. इन सदस्य देशों में आइसलैंड, लाइकेस्टाइन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड शामिल हैं.
चार यूरोपीय देश होंगे समझौते में शामिल
आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को दी जानकारी में बताया कि भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ के बीच रविवार, 10 मार्च को एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होंगे. इनमें एफटीए के चार सदस्य देश आइसलैंड, लाइकेस्टाइन, नॉर्वे और स्विजरलैंड शामिल होंगे. इस एग्रीमेंट के भारत और इन देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं और निवेश में व्यापार आसानी से बढ़ाया जा सकेगा. इस एफटीए को 7 मार्च को केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल गई थी.
एग्रीमेंट में 14 मसलों पर बनी सहमति
भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ के बीच होने वाले समझौते में 14 चैप्टर हैं. इनमें माल में व्यापार, उत्पत्ति के नियम, बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर), सेवाओं में व्यापार, निवेश प्रोत्साहन एवं सहयोग, सरकारी खरीद, व्यापार में तकनीकी बाधाएं और व्यापार सुविधा शामिल हैं. भारत और ईएफटीए के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए जनवरी, 2008 से ही आधिकारिक तौर पर व्यापार तथा आर्थिक साझेदारी समझौते (TEPA) पर सहमति के लिए बातचीत चल रही है.
ईएफटीए देशों में बढ़ा भारत का निर्यात
ईएफटीए देशों को भारत का निर्यात 2021-22 में 1.74 अरब डॉलर के मुकाबले 2022-23 के दौरान 1.92 अरब डॉलर रहा. पिछले वित्त वर्ष के दौरान कुल आयात 16.74 अरब डॉलर था जबकि 2021-22 में यह 25.5 अरब डॉलर था.
क्या है ईएफटीए
यूरोपीय मुक्त व्यापार संगठन (EFTA) यूरोप के चार देशों का एक क्षेत्रीय व्यापार संगठन एवं मुक्त व्यापार क्षेत्र है. इसमें आइसलैंड (Iceland), लाइकेस्टाइन (Liechtenstein), नॉर्वे (Norway) और स्विट्जरलैंड (Switzerland) मेंबर हैं. यह 29 फरवरी, 1960 को यूरोपीय यूनियन आर्थिक समुदाय के विकल्प के रूप में अस्तित्व में आया था. ईएफटीए का उद्देश्य भी यूरोपीय संघ के देशों में मुक्त व्यापार को बढ़ावा देना था. मगर, इसने सभी देशों में एक जैसे शुल्क लगाने का विरोध किया था.
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