कालाधन: भारत ने कियाा टैक्स संधि में बदलाव, जांच एजेंसियों की बढ़ी क्षमता
नई दिल्ली: देश से कालाधन खत्म करने के लिए जहां सरकार जीतोड़ कोशिशें कर रही है वहीं विदेश में मौजूद कालेधन को खत्म करने के लिए भी सरकार का कई मोर्चों पर काम चल रहा है. इसमें ताजा खबर ये है कि केंद्र सरकार विदेशी कालाधन मामलों की जांच कर रही एजेंसियों की क्षमता बढ़ाने के लिए नए प्रोविजन कर रही हैं जिससे उनकी क्षमता बढ़ सके.
India & Kazakhstan signed a Protocol in Delhi today to amend the Double Taxation Avoidance Convention (DTAC).Pl see: https://t.co/wnyqwYpEMM
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) January 6, 2017
भारत ने अंतरराष्ट्रीय टैक्स संधियों में नया प्रावधान जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की है जिससे कई विधि प्रवर्तन विभागों के बीच आंकड़ों के आदान-प्रदान की मंजूरी मिल जाएगी. इससे जांच पर असर डालने वाली गोपनीयता की शर्त हट जाएगी और देशी जांच एजेंसिया बेहतर तरीके से सूचना हासिल कर पाएंगी जो अभी नहीं कर पा रही हैं.
इस नए प्रावधान को दोहरा कराधान बचाव संधि-डबल टैक्सेशन अवॉएडेंस एग्रीमेंट (डीटीएए) में जोड़ा जा रहा है. इससे सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) को प्राप्त आंकड़ों को अन्य एजेंसियों मसलन सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय, राजस्व खुफिया निदेशालय के साथ शेयर किया जा सकेगा. इससे ये एजेंसियां भी इन आंकड़ों के आधार पर मनी लांड्रिंग, भ्रष्टाचार, सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क चोरी आदि की जांच कर सकेगी.
आज सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्रा और कजाखस्तान के भारत में राजदूत बुलात सरसेनबायेव ने भारत और कजाखस्तान के बीच संशोधित डीटीएए पर दस्तखत किए. डीटीएए के प्रोटोकॉल में साफ तौर पर इस बात का उल्लेख है कि कजाखस्तान से टैक्स उद्देश्य से मिली सूचनाओं को अन्य विधि प्रवर्तन एजेंसियों के साथ साझा किया जा सकेगा. इस नए प्रावधान के साथ भारत और कजाख्स्तान के बीच मनी लांड्रिंग, भ्रष्टाचार, सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क चोरी की जांच में तेजी लाई जा सकेगी.