India Banned Broken Rice Export: देश में बढ़ती महंगाई को कंट्रोल (Inflation in India) करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) लगातार बड़े कदम उठा रही है. इसी कड़ी में सरकार ने टूटे चावल (Broken Rice Export Banned) के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसका सीधा असर पूरी दुनिया में पड़ने वाला है क्योंकि भारत टूटे चावल का सबसे बड़ा निर्यातक (Largest Exporter) देश है. इसके साथ ही सरकार ने अलग-अलग किस्म की चावल पर 20% ड्यूटी (Duty on Rice Increased) भी लगाने का फैसला किया है. सरकार ने यह फैसला चावल की बढ़ती कीमतों को कंट्रोल करने और खराब मानसून (Poor Monsoon India) को देखते हुए लिया है. इससे दुनिया में खाद्य महंगाई बढ़ने की आशंका बढ़ गई है.


दुनिया में गहरा सकता है खाद्य संकट
गौरतलब है कि भारत पूरी दुनिया के करीब 150 मुल्कों में चावल का निर्यात करता है. विश्‍व को चावल उपलब्‍ध कराने के मामले में भारत की हिस्‍सेदारी 40 प्रतिशत है। ऐसे में यूरोप के कई देशों में गर्मी और रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के कारण उत्पन्न हुई खाद्य संकट को यह फैसला और गहरा सकता है. भारत सरकार द्वारा चावल की अलग-अलग किस्मों में बढ़ाई गई इंपोर्ट ड्यूटी का सीधा असर दुनियाभर के चावल के दामों पर पड़ेगा. भारत के टूटे चावल के निर्यात के बैन के फैसले के बाद थाईलैंड (Thailand) और वियतनाम (Vietnam) जैसे देशों पर चावल के निर्यात का दवाब (Rice Export) और बढ़ेगा.  टूटे चावल के निर्यात में रोक के बाद गरीब अफ्रीकी मुल्कों में खाद्य संकट (Food Crisis in World) पैदा हो सकता है. इसके साथ ही चीन (China)  भारत के टूटे चावल का एक बड़ा खरीदार है. ऐसे में वहां भी आने वाले दिनों में चावल की कमी हो सकती है.


बता दें कि पूरी दुनिया में सप्लाई किए जाने वाले चावल में भारत का हिस्सा 40% का है. इसके बाद थाईलैंड, वियतनाम, पाकिस्तान (Pakistan) और म्यांमार का नंबर आता है. पाकिस्तान में बाढ़ के कारण हुई तबाही के (Floods in Pakistan) कारण भी ग्लोबल सप्लाई चेक (Rice Global Supply Chain) पर बहुत फर्क पड़ सकता है. ऐसे में दुनिया भर के कई देशों में चावल की कमी हो सकती है.


चावल निर्यात पर किस तरह की लगाई गई रोक
देश में कुल चार श्रेणी में चावल निर्यात किया जाता है. इसमें दो श्रेणी के निर्यात पर सरकार ने रोक लगा दी है. वहीं दो क्षेणी में निर्यात पहले की तरह किया जा सकता है. जिस श्रेणी के निर्यात पर रोक नहीं लगाई गई है वह है बासमती चावल और गैर बासमती उसना चावल. जिस श्रेणी के निर्यात पर सरकार ने रोक लाई है वह है सामान्य और टूटे चावल. सरकार ने बासमती जैसे अच्छी किस्म की चावल पर ड्यूटी नहीं बढ़ाई है. यह ड्यूटी सफेद और ब्राउन राइस (White and Brown Rice) पर लगाई गई है. भारत कुल निर्यात किए जाने वाले चावल में 60% हिस्सा वाइट और ब्राउन राइस (Brown Rice) का ही होता है.


सरकार ने क्यों लगाया प्रतिबंध?
भारत में इस समय खरीफ सीजन चल रहा है. ऐसे में देश के कई हिस्सों में जैसे पश्चिम बंगाल (West Bengal), बिहार (Bihar) और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)  में इस साल बारिश बेहद कम हुई है. ऐसे में चावल की पैदावार कम होने का अनुमान लगाया जा रहा है. ऐसे में देश में लोगों के लिए चावल की कमी न हो इस कारण सरकार ने टूटे चावल के निर्यात पर रोक और सफेद और ब्राउन राइस निर्यात पर 20% ड्यूटी लगाने का फैसला किया है. 


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