Independence Day 2022: तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना भारत, 75 साल में आर्थिक मोर्चे पर किये बदलाव
Azadi Ka Amrit Mahotsav: देश को आजाद हुए 75 साल पूरे हो चुके हैं. देशभर में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है.
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Azadi Ka Amrit Mahotsav 2022: देश को आजाद हुए 75 साल पूरे हो चुके हैं. आज देशभर में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. 75 साल पहले और आज के भारत में जनसंख्या को लेकर प्रति व्यक्ति आय तक और आर्थिक मोर्चे से लेकर तकनीकी क्षेत्र तक भारत बहुत काफी आगे निकल चुका है.
आजादी के समय भारत की पहचान दुनिया के गरीब देश के रूप में हुई थी. आज भारत वर्ष दुनिया की तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है. भारत दुनिया की शीर्ष 3 अर्थव्यवस्था में शामिल होने की तरफ निरंतर अग्रसर है. आजादी के समय से लेकर देश की प्रति व्यक्ति आय में भी बड़ा बदलाव देखा गया है. आपको बता दे कि देश 75 सालों में क्या बदलाव हुए उन एक नजर जरूर देखें.
75 साल में 55 गुना हुई जीडीपी
साल 1947 में आजादी के समय देश की जीडीपी महज 2.7 लाख करोड़ रुपये थी. यह दुनिया की कुल जीडीपी का 3 प्रतिशत से भी कम भाग था. लेकिन आज भारत की जीडीपी लगभग 150 लाख करोड़ रुपये है. पिछले 75 साल में जीडीपी का आकार 55 गुने से भी ज्यादा बढ़ गया है. दुनियाभर की जीडीपी में भारत के हिस्से की बात करें तो यह 9 प्रतिशत है.
सरपट दौड़ रही जीडीपी
आने वाले 2024 तक जीडीपी का हिस्सा 10 प्रतिशत के पार जा सकता है. 75 साल के इस सफर में 3 मौके ऐसे आए. जब अर्थव्यवस्था की ग्रोथ शून्य से नीचे रही है. ये साल थे पहली बार 1965, दूसरी बार 1979 और तीसरी बार 2020 में कोरोना महामारी के दौरान आई है. इससे साफ है कि इकोनॉमी की पटरी पर भारत की जीडीपी सरपट दौड़ रही है.
सोने की कीमत
जब देश आजाद हुआ था तो उस समय 10 ग्राम सोने की कीमत 90 रुपये थी. आज 52 हजार रुपये के करीब भाव है. एक समय यह 56 हजार के पार रिकॉर्ड स्तर था. उस समय भारत को सोने की चिड़िया के नाम से जाना जाता था.
देखें प्रति व्यक्ति आय
किसी भी देश की आर्थिक खुशहाली का अंदाजा वहा की प्रति व्यक्ति आय (Per Capital Income) से लगाया जा सकता है. आजादी के बाद 1950-51 में भारत की प्रति व्यक्ति आय 274 रुपये थी. जो कि आज बढ़कर करीब 1.5 लाख रुपये वार्षिक हो गई. भारत ने इस आंकड़े में काफी प्रगति की है.
विदेशी मुद्रा भंडार
किसी भी देश की अर्थव्यवस्था कितनी मजबूत है, यह उसके पास मौजूद विदेशी मुद्रा भंडार से तय होता है. इस मामले में भारत ने भी जबरदस्त ग्रोथ दर्ज की है. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इस समय 46 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो चुका है. यह दुनिया का 5वा सबसे बड़ा रिजर्व है. 1950-51 में देश का फॉरेक्स रिजर्व महज 1029 करोड़ रुपये पर था.
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