भारत में स्मार्टफोन और इंटरनेट की पहुंच बढ़ने के साथ ई-कॉमर्स सेक्टर को काफी फायदा हो रहा है. बीते कुछ सालों में भारत में ई-कॉमर्स का बाजार कई गुना बड़ा हुआ है. एक हालिया रिपोर्ट में तो भारत को वैश्विक ई-कॉमर्स का पावरहाउस बता दिया गया है और कहा गया है कि अगले कुछ सालों में आकार में कई गुना की बढ़ोतरी होने वाली है.


डिजिटल इकोनॉमी को भी मिलेगा बूस्ट


एएनआई ने इन्वेस्ट इंडिया की एक रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि साल 2030 तक भारत में ई-कॉमर्स मार्केट का साइज बढ़कर 325 बिलियन डॉलर पर पहुंच जाने वाला है. ई-कॉमर्स के मार्केट में आने जा रही इस शानदार तेजी का फायदा डिजिटल इकोनॉमी को भी होने वाला है. रिपोर्ट का अनुमान है कि साल 2030 तक भारत में डिजिटल अर्थव्यवस्था का आकार बढ़कर 800 बिलियन डॉलर पर पहुंच सकता है.


अभी इतना है ई-कॉमर्स बाजार का साइज


अभी भारत में ई-कॉमर्स के मार्केट का साइज करीब 70 बिलियन डॉलर है. यह भारत के कुल खुदरा बाजार का महज 7 फीसदी है. अगर रिपोर्ट की बात सच होती है और 2030 तक साइज बढ़कर 325 बिलियन डॉलर हो जाता है तो इसका मतलब है कि अगले 6 साल में भारतीय ई-कॉमर्स मार्केट के साइज में 350 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी होने वाली है.


50 करोड़ लोग करेंगे ई-कॉमर्स का इस्तेमाल


दरअसल भारत में इंटरनेट की पहुंच का व्यापक स्तर पर विस्तार हुआ है. साल 2022 तक भारत की 52 फीसदी आबादी तक इंटरनेट पहुंच चुका था. यानी 2022 तक भारत में करीब 76 करोड़ लोग इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे थे. इससे ई-कॉमर्स के यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है. रिपोर्ट की मानें तो 2030 तक भारत में ई-कॉमर्स का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 50 करोड़ तक पहुंच जाएगी.


ये फैक्टर भी कर रहे हैं मदद


रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेट और स्मार्टफोन की पहुंच बढ़ने के साथ-साथ यूपीआई और सस्ते डेटा ने ई-कॉमर्स के विस्तार में मदद की है. यूपीआई ने डिजिटल पेमेंट का आसान बना दिया है. 2022 में यूपीआई से 1.5 ट्रिलियन डॉलर के लेन-देन किए गए. भारत में डेटा की दरें दुनिया में सबसे अफोर्डेबल में से एक है. देश में एक जीबी डेटा की औसत दर लगभग 13.5 रुपये है.


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