Tax On Car: सरकार के भारी भरकम टैक्स की वजह से भारत में लोग कारें नहीं खरीद पा रहे क्योंकि कारें लोगों के पहुंच से बाहर होती जा रही है. ये कहना है मारुति सुजुकी के चेयरमैन आ सी भार्गव का. उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियां ऐसी है कि वो कारों को लग्जरी आईटम्स मानकर चलती है जिसके चलते कारों पर भारी भरकम टैक्स लगाया जाता है.
सरकार की खराब नीतियों से कार-इंडस्ट्री को नुकसान
आर सी भार्गव ने कहा कि कार खरीदने की क्षमता लोगों की आय से नहीं जुड़ी है. सरकार की गलत नीतियों के चलते भारत में कार-इंडस्ट्री का ग्रोथ रेट बीते 12 सालों में 12 फीसदी से घटकर 3 फीसदी पर आ गया है. उन्होंने कहा कि छोटी कारों पर सबसे ज्यादा रेग्युलेटरी भार है जो पूरे ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का सबसे महत्वपूर्ण सेगमेंट है. उनके मुताबिक सभी सेगमेंट की गाड़ियों के लिए रेग्युलेटरी बोझ और एक समान टैक्स स्ट्रक्चर से सेक्टर को नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि 50 फीसदी टैक्स के साथ ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का ग्रोथ नहीं हो सकता है. उन्होंने सवाल किया, पूरी दुनिया में 50 फीसदी के टैक्स के साथ कहां ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का ग्रोथ हुआ है? यूरोप और जापान के साथ उन्होंने तुलना करते हुए कहा कि इन देशों में प्रति व्यक्ति आय भारत के मुकाबले कहीं ज्यादा है लेकिन कारों पर टैक्स भारत में ज्यादा है.
छोटी कारों पर ज्यादा नियम लागू
आर सी भार्गव ने कहा कि बड़ी कारों के मुकाबले छोटी कारों के ऊपर ज्यादा रेग्युलेटरी नियम लागू होते हैं जिससे बाजार पर असर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि पहले जितनी संख्या में लोग अब छोटी कारें नहीं खरीद रहे हैं. आर सी भार्गव ने कहा कि ये ना तो कार इंडस्ट्री और ना देश के लिए ठीक है. उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के ग्रोथ के लिए नए कस्टमर्स का कार खरीदना बेहद जरुरी है. हर वर्ष कार का मालिकाना हक रखने वालों की संख्या बढ़ना बेहद जरुरी है.
एलन मस्क भी उठा चुके हैं सवाल
आर सी भार्गव पहले शख्स नहीं है जिन्होंने गाड़ियों पर भारी भरकम टैक्स को लेकर सवाल खड़े किए हैं. टेस्ला के एलन मस्क ने भी 2019 में भारत में इंपोर्टेड गाड़ियों पर भारी टैक्स का मामला उठाया था. तो 2015 में टोयोटा ने ज्यादा टैक्स के के चलते भारत में विस्तार की योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया था.