Unicorns In India: 2022 में 23 भारतीय कंपनियों ने यूनिकॉर्न का स्टेटस हासिल किया है. हालांकि ये संख्या 2021 के मुकाबले कम है जब 44 भारतीय स्टार्टअप कंपनियां यूनिकॉर्न बनी थी. जिस कंपनी का वैल्यूएशन एक अरब डॉलर से ज्यादा हो जाता है उन्हें यूनिकॉर्न कहा जाता है.
13 यूनिकॉर्न मुनाफे पर
मार्केट डाटा प्लेटफॉर्म Trancxn के मुताबिक जिन 23 कंपनियों ने 2022 में यूनिकॉर्न बनने का गौरव हासिल किया है उसमें से 13 कंपनियां मुनाफा कमा रही हैं. रिपोर्ट के मुताबिक मुनाफा बनाने वाली टॉप 5 कंपनियों में मोलबियो डाग्नॉस्टिक ( Molbio Diagnostics), फिजिक्सवाला (PhysicsWallah), ऑक्सीजो (Oxyzo), अमागी (Amagi) और कॉइनस्वीच (CoinSwitch) शामिल है .
मुनाफा बनाने वाली टॉप यूनिकॉर्न
मुनाफा वाली टॉप 5 कंपनियों के धंधे पर नजर डालें तो मोलबियो डाग्नॉस्टिक ( Molbio Diagnostics) संक्रामक रोग के लिए Nucleic एसिड टेस्ट प्रोवाइड करती है. ताजा फंडिंग में कंपनी ने 85 मिलियन डॉलर जुटायें हैं और कंपनी का लेटेस्ट वैल्यूएशन 1600 मिलियन डॉलर (13120 करोड़ रुपये) है. इसके बाद स्थान है एप बेस्ड टूटोरियल प्लेटफॉर्म फिजिक्सवाला (PhysicsWallah) का. कंपनी ने हाल में 100 मिलियन डॉलर के फंड जुटाये हैं और कंपनी का लेटेस्ट वैल्यूएशन 1100 मिलियन डॉलर यानि 9000 करोड़ रुपये के करीब है. ऑक्सीजो (Oxyzo) भी मुनाफा बनाने वाली यूनिकॉर्न है. कंपनी बिजनेस क्रेडिट लाइन के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है. कंपनी ने हाल में 200 मिलियन डॉलर का फंड जुटाया है. कंपनी का वैल्यू 1000 मिलियन डॉलर यानि 8200 करोड़ रुपये है.
अमागी (Amagi) भी मुनाफा बनाने वाली यूनिकॉर्न है जिसने हाल में 82 मिलियन डॉलर का फंड जुटाया है. और कंपनी का लेटेस्ट वैल्यूएशन 1400 मिलियन डॉलर (11,480 करोड़ रुपये) है. कॉइनस्वीच (CoinSwitch) क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग के लिए एप बेस्ड प्लेटफॉर्म है. कंपनी ने हाल में 260 मिलियन डॉलर का फंड जुटाया है और 1910 मिलियन डॉलर (15660 करोड़ रुपये) कुल कंपनी का वैल्यूएशन है.
2022 में कम घट गई फंडिंग
Trancxn के इनसाइट रिपोर्ट्स के मुताबिक बिजनेस फंडिंग के लिए साल 2022 बेहद चुनौतिपूर्ण रहा है. 2022 में भारत के बिजनेस फंडिंग में 33 फीसदी की गिरावट आई है. 2022 में कुल 35.6 अरब डॉलर की फंडिंग आई है जो 2021 में 53.7 अरब डॉलर थी. हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक केवल भारत में ही फंडिंग नहीं घटी है बल्कि वैश्विक लेवल पर फंडिंग कम हुई है. बिजनेस फंडिंग में सबसे बड़ी गिरावट चीन में आई है. चीन में फंडिंग 54 फीसदी गिरा है. चीन में फंडिंग 44.6 अरब डॉलर रहा है जो 2021 में 98.3 अरब डॉलर रहा था. अमेरिका में फंडिंग में 28.8 फीसदी की गिरावट आई है और ये 354.6 अरब डॉलर से घटकर 254.7 अरब डॉलर रह गया है.
इन सेक्टर में आया सबसे ज्यादा निवेश
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में निवेशकों ने सबसे ज्यादा फंडिंग कंज्यूमर, इंटरप्राइस एप्लीकेशन, फिनटेक, रिटेल के अलावा ट्रांसपोर्टेशन और लॉजिस्टिक टेक कंपनियों में किया है.
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