नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि इनकम टैक्स विभाग सहित विभिन्न मशीनरियां मिलकर कोशिश करें तो विश्व बैंक के व्यापार सुगमता सूचकांक यानी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत की रैंकिंग में सुधार बहुत जल्द ही संभव है. उन्होंने कहा कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की वार्ताओं में व्यापार सुगमता के अलावा ज्यादातर क्षेत्रों में अधिक प्रगति नहीं हुई है.
अंतर्राष्ट्रीय सीमा शुल्क दिवस
अंतर्राष्ट्रीय सीमा शुल्क दिवस पर एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘यही वजह है कि इस बारे में अंतर्राष्ट्रीय समझौते के बिना भी, यह हमारी घरेलू अर्थव्यवस्था के व्यापक फायदे व हित में है कि कारोबार करना आसान हो.’ ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स में भारत की सफलता का जिक्र करते हुए जेटली ने कहा कि बीते तीन साल में भारत 142वें स्थान से बढ़कर 100वें स्थान पर आ गया है और एक ही साल में उसने 30 पायदान की उछाल भरी है.
टॉप 50 में आने की कोशिश करनी होगी
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने हमारे लिए एक लक्ष्य तय किया है कि हमें टॉप 50 में आने की कोशिश करनी होगी और इसमें आना होगा. इसलिए ऐसे समय में जबकि आप 142वें स्थान पर हैं, टॉप 50 में आना कुछ न कुछ तो चुनौतीपूर्ण है ही.’ उन्होंने कहा कि विश्व बैंक जिन दस मानकों की कसौटी रखता है उनमें से वास्तव में तीन में सुधार की जरूरत है जिनमें एक तो जमीन व भवनों की स्थानीय निकाय मंजूरी से जुड़ी है. दूसरी सीमापारीय व्यापार व तीसरी अनुबंध कार्यान्वयन है. जेटली ने कहा कि इन मानकों पर हालात में सुधार ज्यादा मुश्किल नहीं है. वित्त सचिव हसमुख अधिया ने सीमा शुल्क विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे कारोबार आसान बनाने के मानकों पर भारत की रैंकिंग सुधारने की जल्द कोशिश करनी चाहिए.