India Current Account Deficit: वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही जुलाई से सितंबर के दौरान भारत का चालू खाते का घाटे (Current account deficit ) में कमी आई है. मर्केंडाइज ट्रेड डेफसिट में कमी के साथ सर्विसेज एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी के चलते चालू खाते के घाटे में कमी देखने को मिली है. 


आरबीआई ने चालू खाते के घाटे का डेटा जारी करते हुए बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में ये घाटा 8.3 बिलियन डॉलर रहा है जो कि जीडीपी का 1 फीसदी है. इससे पहले तिमाही में ये घाटा 9.2 बिलियन डॉलर रहा था जो कि जीडीपी का 1.1 फीसदी है. जबकि एक साल पहले वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में करंट अकाउंट डेफसिट 30.9 बिलियन डॉलर रहा था जो कि डीजीपी का 3.8 फीसदी था. 


आरबीआई ने इन आंकड़ों को जारी करते हुए हुए कहा कि 2023-24 की दूसरी तिमाही में व्यापार घाटा घटकर 61 बिलियन डॉलर रहा है जो 2022-23 की दूसरी तिमाही में 78.3 बिलियन डॉलर रहा था. सर्वेसिज एक्सपोर्ट में 4.2 फीसदी का उछाल आया है. खासतौर से सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट, बिजनेस और ट्रैवल सर्विसेज के एक्सपोर्ट में उछाल के चलते व्यापार घाटा कम हुआ है. 


भारत के चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान भुगतान संतुलन की स्थिति पर जारी आंकड़ों के अनुसार, ‘‘ चालू खाते का घाटा मौजूदा वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में कम हुआ है. इसका कारण वस्तु व्यापार घाटे (वस्तु निर्यात-आयात का अंतर) का कम होना है. यह 2023-24 की दूसरी तिमाही में 61 अरब डॉलर रहा जो 2022-23 की दूसरी तिमाही में 78.3 अरब डॉलर था. 


वित्त वर्ष 2022-23 में चालू खाते का घाटा बढ़कर जीडीपी का 2 फीसदी रहा था जबकि 2021-22 में करंट अकाउंट बैलेंस में 1.2 फीसदी का घाटा देखने को मिला था. 2022-23 में 265.3 बिलियन डॉलर व्यापार घाटा देखने को मिला जो 2021-22 में 189.5 बिलियन डॉलर व्यापार घाटा रहा था. आरबीआई के डेटा के मुताबिक 2022-23 में 67 बिलियन डॉलर का करंट अकाउंट डिफसिट रहा जो 2021-22 में 38.7 बिलियन डॉलर रहा था. 


ये भी पढ़ें 


Adani Group: अडानी समूह 9350 करोड़ रुपये करेगी अडानी ग्रीन एनर्जी में निवेश, 1480.75 रु/शेयर पर जारी किया जाएगा प्रीफरेंशियल वारंट