India Current Account Deficit: भारत का चालू खाते का घाटा (Current account deficit ) वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में में बढ़कर 36.4 अरब डॉलर पर जा पहुंचा है जो रिकॉर्ड है. आरबीआई ने ये डाटा जारी किया है. दूसरी तिमाही में चालू खाते का घाटा अप्रैल-जून  यानि पहली तिमाही के 18.2 अरब डॉलर के मुकाबले दोगुनी बढ़ोतरी आई है जबकि 2021-22 की तीसरी तिमाही के मुकाबले 4 गुना बढ़ गया है. 


आरबीआई ने इन आंकड़ों को जारी करते हुए हुए कहा कि 2022-23 की दूसरी तिमाही में व्यापार घाटा पहली तिमाही के 63 अरब डॉलर के मुकाबले बढ़कर 83.5 अरब डॉलर पर जा पहुंचा है उसलिए चालू खाते के घाटे में बढ़ोतरी देखने को मिली है. आरबीआई के मुताबिक निवेश इनकम की भी बड़ी निकासी हुई है इसलिए घाटा बढ़ा है. 


इससे पहले सबसे ज्यादा करंट अकाउंट डिफसिट 2012-13 की तीसरी तिमाही में देखने को मिला था जब 31.77 अरब डॉलर चालू घाटे का घाटा रहा था. 2021-22 में कुल करंट अकाउंट डिफसिट 38.77 अरब डॉलर रहा था. 


वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में चालू खाते का घाटा 54.5 अरब डॉलर रहा है जो 2021-22 के पहले छमाही में रहे 3.1 अरब डॉलर के मुकाबले 15 गुना ज्यादा है. वहीं 2022-23 की दूसरी तिमाही के जीडीपी का चालू खाते का घाटा 4.4 फीसदी रहा है जो पहली तिमाही में 2.2 फीसदी रहा था और 2021-22 की दूसरी तिमाही में 1.3 फीसदी था. वहीं 2022-23 की पहली छमाही के जीडीपी का चालू खाते का घाटा 3.3 फीसदी रहा है जो बीते वर्ष 0.2 फीसदी रहा था. 


दरअसल रूस और यूक्रेन के युद्ध के चलते कमोडिटी के दामों में उछाल के बाद चालू खाते के घाटे में बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही थी. जिसके चलते भारत का इंपोर्ट बिल जुलाई सितंबर में 200 अरब डॉलर जा पहुंचा है. 


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