Windfall Tax Cut: केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम क्रूड पर विंडफॉल टैक्स में कटौती कर दी है और इसे घटाकर 4100 रुपये प्रति टन कर दिया है. पेट्रोलियम क्रूड पर इससे पहले 6400 रुपये प्रति टन का विंडफॉल टैक्स लग रहा था. ये नई घटी हुई दरें आज यानी मंगलवार से लागू हो गई हैं और सरकार ने एक आधिकारिक नोटिफिकेशन के जरिए इसकी जानकारी दे दी है. डॉलर के संदर्भ में देखें तो सरकार ने पेट्रोलियम क्रूड पर 50.14 डॉलर प्रति टन के हिसाब से विंडफॉल टैक्स में कटौती कर दी है.


पेट्रोल-डीजल और एटीएफ पर कितना है विंडफॉल टैक्स


भारत सरकार ने पेट्रोल-डीजल और एविएशन टरबाइन फ्यूल (एटीएफ) पर विंडफॉल टैक्स को शून्य पर बरकरार रखा है यानी इन पेट्रोलियम उत्पादों पर कोई विंडफॉल टैक्स नहीं है. 


कब-कब सरकार करती है विंडफॉल टैक्स में बदलाव


भारत सरकार अंतरराष्ट्रीय कीमतों और अन्य कारकों के आधार पर हरेक पाक्षिक यानी हर 15वें दिन पर विंडफॉल टैक्स की दरों में बदलाव करती है और ये प्रकिया जुलाई 2022 से चल रही है. सरकार ने पहली बार पिछले साल जुलाई में ही इस विंडफॉल टैक्स को लगाया था और तब से ये ही सिलसिला चल रहा है.


पिछली बार कैसा रहा था टैक्स


इससे पिछली बार 4 अप्रैल को सरकार ने पेट्रोलियम क्रूड पर विंडफॉल टैक्स को इसके पिछले दाम 3500 रुपये प्रति टन से घटाकर शून्य कर दिया था यानी इस पर विंडफॉल टैक्स को खत्म कर दिया था. हालांकि इसके बाद 19 अप्रैल को सरकार ने एक बार फिर क्रूड के टैक्स में बदलाव किया और इसे बढ़ाकर 6400 रुपये प्रति टन किया था. 


क्यों लगाया गया था ये विंडफॉल टैक्स


भारत में जुलाई 2022 में पहली बार विंडफॉल टैक्स को लगाया गया था और ये क्रूड ऑयल उत्पादकों पर इसलिए लगाया गया था जिससे गैसोलीन, डीजल और एविएशन टरबाइन फ्यूल को देश से बाहर बेचने पर मिले लाभ पर लेवी ली जा सके. दरअसल निजी रिफाइनरीज अंतराष्ट्रीय बाजार में बेचने के जरिए इन पेट्रोलियम उत्पादों पर ज्यादा मुनाफा कमा रही थी और घरेलू बाजार की बजाए वहां ऑयल प्रोडक्ट्स बेचने की कोशिशों में थी जिसे कम करने के लिए सरकार ने ये विंडफॉल टैक्स लगाया.


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