Indian Debt Burden: वित्त मंत्रालय के साथ बैठक से पहले मूडीज ने जताया अनुमान, कम होगा भारत पर कर्ज का बोझ
India Debt: शुक्रवार को भारत के रेटिंग बढ़ाने को लेकर मूडीज और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के बीच बैठक होने वाली है.
Moody's Rating Agency: भारतीय अर्थव्यवस्था के तेज गति से विकास करने के चलते उसके कर्ज के बोझ में कमी आने की उम्मीद है. रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने ये अनुमान जताया है. मूडीज का कहना है कि भारत को रोजकोषीय स्थिति की मजबूती और क्रेडिट प्रोफाइल में सुधार के लिए जरुरी है उसपर बकाये कर्ज में कमी आए. मूडीज ने अनुमान जताया है कि भारत पर कर्ज के बोझ में कमी आएगी.
मूडीज ने अपने रिपोर्ट में कहा कि भारत सबसे तेज गति से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था है. उसने कहा कि नॉमिनल टर्म्स में औसतन भारत के जीडीपी में 11 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिलेगी. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के तेज गति से ग्रोथ के चलते देश के कर्ज बोझ में गिरावट के अनुमान है.
मूडीज ने कहा कि भारत में सामान्य तौर पर सरकारी कर्ज बहुत ज्यादा है. वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान जीडीपी का ये करीब 81.8 फीसदी रहा है. जबकि बीएए-रेटिंग के लिए जीडीपी के मुकाबले कर्ज का बोझ औसतन 56 फीसदी होना चाहिए. मूडीज ने कहा कि रेवेन्यू के मुकाबले सरकार के ब्याज भुगतान का अफोर्डेबिलिटी बेहद कम है. 2022-23 में ये 26 फीसदी रहने का अनुमान है जो कि 8.4 फीसदी होना चाहिए. रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार ने रेनेव्यू को नहीं बढ़ाया तो विकास को गति देने के साथ डेवलपमेंट के संबंधी जरुरतों को पूरा करने में सरकार को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
मूडीज ने भारत को स्टेबल आउटलुक के साथ Baa3 सॉरवेन रेटिंग दिया हुआ है. वित्त मंत्रालय शुक्रवार 16 जून 2023 को रेटिंग बढ़ाने के लिए मूडीज के अधिकारियों के साथ बैठक करने वाली है. मुख्य आर्थिक सलाहकार ( Chief Economic Advisor) वी अनंत नागेश्वरन (V Anantha Nageswaran) के नेतृत्व में मूडीज इवेस्टर्स सर्विस के अधिकारियों के साथ ये बैठक होगी. इस बैठक में भारतीय अधिकारियों की तरफ से 2022-23 के लिए शानदार जीडीपी के आंकड़े ( GDP Data) के साथ बेहतर ग्रोथ आउटलुक का उदाहरण पेश किया जाएगा. साथ ही महंगाई में कमी के साथ दूसरे बेहतर मैक्रो-इकोनॉमिक फैक्टर्स का हवाला देकर रेटिंग अपग्रेड करने पर जोर दिया जाएगा.
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