Income Tax: भारत में फिलहाल दो इनकम टैक्स रिजीम है. लेकिन वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा है कि देश में केवल एक इनकम टैक्स रिजीम ही होना चाहिए. उन्होंने बताया कि एसेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए जो टैक्सपेयर्स आयकर रिटर्न फाइल कर रहे हैं उनमें से 70 फीसदी ने नए इनकम टैक्स रिजीम के तहत आयकर रिटर्न दाखिल किया है. 


बिजनेस चैंबर पीएचडी हाउस ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में पोस्ट बजट सेशन को संबोधित करते हुए संजय मल्होत्रा ने कहा, मौजूदा समय में देश में ओल्ड इनकम टैक्स रिजीम और न्यू इनकम टैक्स रिजीम है. लेकिन देश में केवल एक इनकम टैक्स रिजीम ही होना चाहिए. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को बजट पेश करते हुए इनकम टैक्स एक्ट 1961 के रिव्यू का एलान किया है जिसे छह महीने में पूरा कर लिया जाएगा. रेवेन्यू सेक्रेटरी ने कहा, इनकम टैक्स एक्ट का रिव्यू बहुत बड़ा कार्य है क्योंकि ये एक्ट 1600 पन्नों का है. इस एक्ट को रिव्यू करना बड़ी चुनौती है. 


कैपिटल गेन टैक्स में बढ़ोतरी के फैसले का बचाव करते हुए संजय मल्होत्रा ने कहा, हम लोगों ने 2022-23 में 10.5 लाख रिटर्न का स्टडी किया जिसमें जमीन और बिल्डिंग से कैपिटल गेन हासिल हुआ था. उन्होंने कहा कि, 2022-23 में रियल एस्टेट पर इफेक्टिव लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स रेट 11.54 फीसदी था जो कि सैलेरी पर लगने वाले इनकम टैक्स से कम है. ऐसे में रियल एस्टेट के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स में मामूली इजाफा किया गया है. 


वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में प्रॉपर्टी बेचने पर लॉन्ग टर्म टैपिटल गेन टैक्स को कैलकुलेट करने के लिए इंडेक्सेशन बेनेफिट को खत्म कर दिया गया है. पर प्रॉपर्टी बेचने पर लगने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को 20 फीसदी से घटाकर इक्विटी के समान 12.50 फीसदी कर दिया गया है. ऐसे में माना जा रहा है कि प्रॉपर्टी बेचने पर टैक्स का बोझ बेचने वालों पर बढ़ सकता है. सरकार का तर्क है कि वो रियल एस्टेट और दूसरे एसेट क्लास में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स में फर्क को खत्म करना चाहती है लेकिन सड़क से संसद और सोशल मीडिया पर यूजर्स सरकार पर इस फैसले को लेकर नाराजगी जता रहे हैं.  


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