Deloitte India: भारत की बढ़ती इकोनॉमी (Indian Economy) का लोहा सारी दुनिया मान चुकी है. भारत की इकोनॉमी ने वित्त वर्ष 2023-24 में 8.2 फीसदी की शानदार रफ्त्तार के साथ दुनिया की तेजी से बढ़ती सभी अर्थव्यवस्थाओं को पीछे छोड़ दिया था. चीन और जापान भी भारत का मुंह ताकते रह गए थे. अब अनुमान लगाया जा रहा है कि वित्त वर्ष 2024-25 में भी भारत की आर्थिक वृद्धि रफ्तार सारी दुनिया से तेज रहेगी. इसके 7 से 7.2 फीसदी की रफ्तार से आगे बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है.
निजी खपत में हो रहा इजाफा, ग्रामीण इलाकों से अच्छे संकेत
डेलॉइट इंडिया (Deloitte India) के इकोनॉमिक आउटलुक में कहा गया है कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर मजबूत इकोनॉमी की वजह से आर्थिक सर्वे (Economic Survey) के अनुमानों से आगे निकल जाएगी. यह आंकड़ा 7 फीसदी से ऊपर रहने वाला है. हालांकि, यह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के अनुमान के नजदीक रहने वाली है. डेलॉइट इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, निजी खपत में इजाफा हो रहा है. इसके अलावा लोग खाने-पीने के अलावा अन्य चीजों पर भी खर्च बढ़ा रहे हैं. ग्रामीण इलाकों में बढ़ता खर्च भी कारोबार की कई संभावनाएं पैदा कर रहा है.
चीन और जापान में दिखाई पड़ रही आर्थिक सुस्ती
इससे पहले इंटरनेशनल मोनेट्री फंड (International Monetary Fund) ने अनुमान लगाया था कि चीन की इकोनॉमी (China Economy) 4.5 फीसदी की रफ्तार से आगे बढ़ेगी. आईएमएफ का कहना है कि चीन की आबादी वृद्ध होती जा रही है. साथ ही प्रोडक्टिविटी घटने की अलावा वह प्रॉपर्टी क्राइसिस में भी फंसा हुआ है. इससे निवेशकों, कंज्यूमर और बिजनेस पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. आईएमएफ ने अप्रैल में कहा था कि 2025 में जापान की जीडीपी और कम हो सकती है. जापान की अर्थव्यवस्था में गिरावट जारी है. साल 2025 में भारत की जीडीपी 4.339 ट्रिलियन डॉलर और जापान की 4.310 ट्रिलियन डॉलर होगी. जापान की जीडीपी ग्रोथ 2023 में 1.9 फीसदी और 2024 में 0.9 फीसदी थी. इसके 2025 में 1 फीसदी रहने का अनुमान है.
निवेश बढ़ने से नई नौकरियां मिलेंगी, छोटे कारोबार बढ़ेंगे
डेलॉइट इंडिया की इकोनॉमिस्ट रुमकी मजूमदार का कहना है कि भारत में लोकसभा चुनाव के चलते साल 2024 के पहले छह महीने अनिश्चितता में गुजरे हैं. अब हमें पूरी उम्मीद है कि दूसरी छमाही में मजबूत विकास दिखाई देगा. देश में नीति सुधार, अमेरिकी चुनाव के बाद राजनीतिक स्थिरता और महंगाई में कमी से भारत को तेजी से आगे बढ़ने का मौका मिलेगा. हमें पूरी उम्मीद है कि प्राइवेट सेक्टर भी अब निवेश बढ़ाएगा. बजट के बाद एग्रीकल्चर प्रोडक्शन, नई नौकरियां और छोटे उद्योगों को आर्थिक मदद बढ़ेगी. आगे आ रहा फेस्टिव सीजन भी शहरों और गांवों में लोगों को खर्च बढ़ाने की प्रेरणा देगा.
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