Economic Survey 2023: वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) आज यानी 31 जनवरी, 2023 को आज संसद में आर्थिक सर्वेक्षण यानी इकोनॉमिक सर्वे 2023 (Economic Survey 2023) पेश करने वाली हैं. बजट से पहले पेश होने वाली इकोनॉमिक सर्वे में सरकार देश की आर्थिक तस्वीर को पेश करती है. रायटर्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक प्री-बजट इकोनॉमिक सर्वे (Pre Budget Economic Survey) में भारत की जीडीपी (GDP) तीन सालों में सबसे कम रह सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में यह 6 से 6.8 फीसदी रहने की संभावना है.


सरकार के सर्वे के मुताबिक देश की जीडीपी करीब 6.5 फीसदी रहने की संभावना है. ऐसे में अगर यह आंकड़ा सही रहता है तो यह पिछले तीन सालों में जीडीपी सबसे कम रहने का अनुमान है. इसके अलावा देश में नॉमिनल ग्रोथ (Nominal Growth) 11 फीसदी रहने की संभावना है.


भारत की स्थिति बाकी देशों की तुलना में रहेगी बेहतर
वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की स्थिति दुनिया के बाकी देशों की तुलना में बहुत बेहतर रहने की संभावना है. रिपोर्ट के मुताबिक इस सर्वे में यह भी बताया गया है कि प्राइवेट सेक्टर में ग्रोथ, बैंक द्वारा ज्यादा धन राशि खर्च करने और मार्केट में डिमांड बढ़ने के साथ ही देश की जीडीपी में ग्रोथ दर्ज की जा सकती है.


क्या होता है इकोनॉमिक सर्वे?
आपको बता दें कि बजट से ठीक एक दिन पहले संसद में इकोनॉमिक सर्वे (Economic Survey) पेश करने की परंपरा चली आ रही है. 31 जनवरी यानी मंगलवार के दिन संसद के बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ होगी. इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद के पटल पर आर्थिक सर्वेक्षण यानी इकोनॉमिक सर्वे प्रस्तुत करेंगी.इसमें सरकार देश की आर्थिक तस्वीर को पेश करती है. इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष में देश की इकोनॉमी के लिए सरकार ने क्या किया है और देश की ग्रोथ आगे कैसे रहने की संभावना है यह सभी देश के सामने किया जाएगा.  यह वित्त मंत्रालय द्वारा पेश किया जाने वाला एक सालाना डॉक्यूमेंट है जिसमें देश की आर्थिक विकास का लेखा जोखा होता है. इस सर्वे के द्वारा सरकार यह आकलन करती है कि देश को किस सेक्टर में फायदा हुआ है और कहां नुकसान हुआ है.


इकोनॉमिक सर्वे कौन करता है तैयार?
आपको बता दें कि देश का आर्थिक सर्वेक्षण फाइनेंस मिनिस्ट्री के आर्थिक मामलों के इकोनॉमिक्स डिवीजन के द्वारा तैयार किया जाता है. यह मुख्य सलाहकार की देखरेख में तैयार किया जाता है. रिपोर्ट तैयार किए जाने के बाद इसे वित्त मंत्री को पेश किया जाता है और इसके बाद वह इसे संसद के दोनों सदनों के पटल में पेश करती हैं. वित्त मंत्री इस आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर ही बजट तैयार करती हैं. इसमें मुख्य आर्थिक सलाहकार के सुझावों को भी शामिल किया जाता है. देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार है अनंत नागेश्वरन हैं.


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