India's export in 2022: कोरोना महामारी के दौरान आई मंदी के बाद साल 2021 में भारत का निर्यात बढ़ने की उम्मीद है. तेजी से पुनरुद्धार के बीच नए साल में निर्यात बढ़ने की उम्मीद की जा रही है. इसके अलावा ग्लोबल मार्केट में बढ़ती मांग, प्रोडक्शन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLI) के अंतरिम व्यापार समझौतों के चलते घरेलू विनिर्माण में इजाफे का खास योगदान होगा.
देश के निर्यात में पॉजिटिव इजाफे की उम्मीदें विश्व व्यापार संगठन (WTO) के अनुमानों के अनुरूप ही हैं. WTO ने वर्ष 2022 में वैश्विक व्यापार में 4.7 फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान जताया है.
निर्यातकों का मानना है कि वित्त वर्ष 2021-22 में भारत का निर्यात 400 अरब अमेरिकी डॉलर को पार कर जाएगा और वर्ष 2022-23 में यह 475 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है. हालांकि, निर्यातकों का मानना है कि वृद्धि और वैश्विक मांग इस पर भी निर्भर करेगी कि दुनिया भर में बड़े पैमाने पर टीकाकरण के जरिए कोविड-19 और वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन पर किस हद तक काबू पाया जाता है.
भारतीय रिजर्व बैंक के सितंबर में जारी एक सर्वेक्षण के अनुसार भारतीय कंपनियों द्वारा विदेशी सहयोगियों को दी जाने वाली सेवाओं सहित सॉफ्टवेयर सेवाओं का निर्यात 31 मार्च 2021 को समाप्त वित्त वर्ष में 148.3 अरब डॉलर रहा था. यह आंकड़ा दुनिया के शीर्ष तेल निर्यातक सऊदी अरब को 2021 में तेल बिक्री से संभावित आय से अधिक है.
वाणिज्य सचिव बी वी आर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि दुनिया अब भारत को एक भरोसेमंद वैश्विक व्यापार भागीदार के रूप में सम्मान देती है और पश्चिम एशिया तथा दक्षिण अमेरिकी देशों सहित नए क्षेत्रों में देश का निर्यात बढ़ रहा है. उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया कि कारोबारी सुगमता, पीएलआई जैसी प्रोत्साहन योजनाएं और अन्य उपाय व्यापार को सुविधाजनक बना रहे हैं.
एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार वाणिज्य विभाग नई विदेश व्यापार नीति (FTP) पर काम कर रहा है और संयुक्त अरब अमीरात (UAE), ब्रिटेन तथा ऑस्ट्रेलिया सहित प्रमुख व्यापारिक भागीदारों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (FTA) पर तेजी से बातचीत कर रहा है. उन्होंने कहा कि इन उपायों से अगले साल भी निर्यात में रिकॉर्ड बढ़ोतरी होगी.