India First Billionaire: हम जब भी भारत के अमीरों की चर्चा करते हैं तो हमारे जेहन में मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani), गौतम अडानी (Gautam Adani) और टाटा-बिड़ला जैसे लोगों के नाम आते हैं. अगर आप सोचते हैं कि ये भारत के सबसे अमीर आदमी हैं तो आपको इतिहास में थोड़ा पीछे जाना होगा. तब आपको एक ऐसे भारतीय के बारे में पता लगेगा जिसके पास गोल्ड और डायमंड की माइन थीं. उनके गार्डन में सोने की ईंटों की से भरे ट्रक खड़े रहते थे. वह अपने कागजों के ऊपर 185 कैरेट जैकब डायमंड को पेपरवेट की तरह इस्तेमाल करते थे. साल 1940 में उनकी दौलत 236 अरब डॉलर थी और वह भारत ही नहीं दुनिया के भी सबसे अमीर आदमी थे. हम बात कर रहे हैं हैदराबाद के आखिरी निजाम मीर उस्मान अली खान (Mir Osman Ali Khan) के बारे में.


टाइम मैगजीन के कवर पर आए थे मीर उस्मान अली खान


मीर उस्मान अली खान को 1937 में टाइम मैगजीन के कवर पर जगह मिली थी. टाइम्स नाउ है ने उनके 185 कैरेट जैकब डायमंड की वैल्यू 1000 करोड़ रुपये आंकी थी. उनकी ज्यादातर दौलत 1930 से 1940 के बीच इकट्ठी हुई थी. बिजनेस स्टैंडर्ड के दस्तावेज के अनुसार, 1940 तक उनकी दौलत 236 अरब डॉलर पर पहुंच गई थी. इसके बावजूद उन्हें अपनी साधारण जीवनशैली के लिए पहचाना जाता था. वह साधारण कुर्ता पजामा पहना करते थे. वह यह तक ध्यान नहीं देते थे कि इन पर प्रेस है या नहीं. सादा चप्पल और जूतों में उन्हें अक्सर देखा जाता था. वह 35 साल तक अपनी तुर्की कैप में ही दिखाई दिए. 


भारतीय सेना ने हमला कर खत्म किया था निजाम का शासन 


हैदराबाद के निजाम के बेडरूम में एक पुराना बेड पड़ा हुआ था. साधारण सा फर्नीचर और एक ऐशट्रे वहां पड़ा रहता था. ऐसा देखकर बिलकुल भी नहीं लगता था कि वह दुनिया के सबसे रईस इंसान हैं. साल 1947 में जब देश आजाद हुआ तो हैदराबाद के निजाम ने भारत के बजाय पाकिस्तान में जाने का निर्णय लिया. इसके बाद सितंबर, 1948 में भारतीय सेना को हैदराबाद पर हमला करना पड़ा. इसे ऑपरेशन पोलो (Operation Polo) के नाम से जाना जाता है. इसके साथ ही निजाम के शासन का अंत हो गया. साथ ही उनकी दौलत भी सरकार के पास चली गई.


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