Budget: आजाद भारत का पहला बजट कितने दिन के लिए बना था और किस क्षेत्र में खर्च हुई थी कितनी रकम?
India's First Budget: आपको देश के पहले बजट के बारे में जानकारी दे रहे हैं. इसमें भारत की आजादी के बाद के सर्वप्रथम बजट और आजादी मिलने से पहले के बजट की भी जानकारी दी गई है.
India's First Budget: साल 2024 में आम चुनाव अब कुछ दिनों के बाद आने वाले हैं और इन आम चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट 1 फरवरी 2024 को पेश होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस साल अपना पहला अंतरिम बजट पेश करेंगी. भारत के बजट का इतिहास बहुत पुराना है और देश की आजादी से पहले भी बजट पेश होते थे. तत्कालीन वित्त मंत्री अपने हिसाब से देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए वित्तीय खर्च और कमाई का लेखा-जोखा पेश करते थे.
आज यहां आपको देश के पहले बजट के बारे में जानकारी दे रहे हैं. इसमें भारत की आजादी के बाद के सर्वप्रथम बजट और आजादी मिलने से पहले के बजट की भी जानकारी मिलेगी.
आजादी के बाद का पहला बजट
स्वतंत्रता हासिल करने के बाद पहला यूनियन बजट 26 नवंबर 1947 को प्रस्तुत किया गया था. ये देश को ब्रिटिश राज से आजादी मिलने के सिर्फ तीन महिने के अंदर संसद में प्रस्तुत कर दिया गया था. देश का पहला केंद्रीय बजट देश के पहले वित्त मंत्री आर शणमुखम चेट्टी ने पेश किया था. इस बजट को अगस्त 1947 से मार्च 1948 तक के समय के लिए लाया गया था यानी लगभग साढ़े सात महीनों के लिए ये बजट लाया गया था.
आजादी के बाद पहले बजट में किस मद पर हुआ सबसे ज्यादा खर्च
इस यूनियन बजट में 171.15 करोड़ रुपये का खर्च आया था और इस बजट में 197.29 करोड़ रुपये का खर्च दिखाया गया था. खास बात ये है कि उस समय का वित्तीय घाटा 26.24 करोड़ रुपये का रहा था. आजादी के बाद के पहले बजट में जाहिर तौर पर 92.74 करोड़ रुपये का खर्च रक्षा बजट पर किया गया, जाहिर तौर पर उस समय देश को भारत-पाकिस्तान के विभाजन के दंश को झेलना था और इसके लिए रक्षा मद पर सबसे ज्यादा खर्च करना तर्कसंगत और जरूरी था.
ब्रिटिश एंपायर में भी पेश होता था भारत का बजट
ये बात ध्यान रखने वाली है कि भारत का पहला औपचारिक बजट ब्रितानिया हुकूमत के अंतर्गत हुआ. उस समय ईस्ट इंडिया कंपनी के स्कॉटिश अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ जेम्स विल्सन ये बजट 7 अप्रैल 1860 की तारीख को प्रस्तुत किया. 1857-59 में लड़े गए महान भारतीय विद्रोह या प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद ब्रिटिश साम्राज्य वित्तीय संकट से जूझ रहा था इसलिए, भारतीय अर्थव्यवस्था को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने के लिए बजट पेश किया गया था.
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