Indian Rupee Trade: भारत की करेंसी रुपये की साख बढ़ रही है और इस दिशा में एक महत्वपूर्ण खबर आई है. भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच पहली बार द्विपक्षीय कारोबार में लोकल करेंसी का इस्तेमाल हुआ है. केंद्र सरकार ने इसी हफ्ते जानकारी दी है कि देश की सबसे बड़ी ऑयल रिफाइनरी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने यूएई से लाखों बैरल कच्चा तेल खरीदने के लिए भारतीय रुपये में पेमेंट किया है. इस खाड़ी देश से तेल खरीदने के लिए पहली बार भारतीय करेंसी को इस्तेमाल किया गया है.
IOC ने अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी को रुपये में किया पेमेंट
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) ने अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (ADNOC) से तेल खरीदने के लिए जो पेमेंट किया है, वो रुपये में किया गया है. इसकी जानकारी यूएई में भारतीय उच्चायोग ने एक बयान जारी करके दी है. भारत और यूएई के बीच लोकल करेंसी सैटलमेंट (LCS) के तहत भारत और यूएई के बीच ये सौदा हुआ है.
तेल सौदे में भारतीय करेंसी और यूएई दिरहम दोनों का इस्तेमाल
इस सौदे के तहत 1 लाख बैरल कच्चे तेल की बिक्री शामिल है. इस सौदे के लेनदेन के लिए भारतीय करेंसी और यूएई दिरहम दोनों का इस्तेमाल किया गया है. भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच गहरा कारोबारी रिश्ता है और यूएई भारत के एनर्जी कारोबार के लिए बड़ा पार्टनर है. दोनों देशो के बीच ऑयल एंड गैस के कारोबार को लेकर लंबे समय से अच्छे रिश्ते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूएई यात्रा के दौरान बनी थी सहमति
जुलाई में भारत ने यूएई के साथ एक एग्रीमेंट साइन किया था जिसके तहत दोनों देश इस बात पर सहमत हुए थे कि भारत डॉलर की बजाए अपनी करेंसी रुपये में यूएई को पेमेंट कर सकता है. इसके जरिए भारत का दो मोर्चों पर बढ़त हासिल करने का लक्ष्य था, एक तो डॉलर के प्रभुत्व को भारत में कम करना जिससे देश की अपनी करेंसी रुपये में कारोबार बढ़ाया जा सके. दूसरा डॉलर को कन्वर्ट करने में जो खर्च होता था उसे घटाकर किसी भी सौदे की लागत को कम करने का लक्ष्य था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूएई की यात्रा के दौरान दोनों देशों ने क्रॉस बॉर्डर मनी ट्रांसफर के लिए रियल टाइम पेमेंट लिंक को आसान बनाने की दिशा में करार हुए. दोनों देशों के बीच साल 2022-23 में कुल 84.5 अरब डॉलर का ट्रेड हुआ था. ध्यान रहे कि भारत की अन्य देशों के साथ भी लोकल करेंसी में ट्रेड करने की कोशिशें जारी हैं जिससे देश का एक्सपोर्ट भी बढ़ाया जा सके और देश की करेंसी का रुतबा भी बढ़ सके.