India First Undersea Tunnel: देश को जल्द मिलेगी पहली अंडरवाटर सी टनल, जानिए कहां होगी और क्या होंगी खासियतें
Undersea Tunnel in India: भारत में पहली अंडरवाटर सी टनल का निर्माण हो रहा है. इस टनल के बनने के बाद लोगों के सफर में 35 मिनट की कटौती होगी.
Undersea Tunnel in India: देश को जल्द ही समुद्र के नीचे बने पहले सुरंग (First Undersea Tunnel in India) का तोहफा मिलने जा रहा है. इस सुरंग का निर्माण मुंबई में हो रहा है. इस सुरंग को बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) द्वारा बनाया जा रहा है. यह टनल मुंबई तटीय सड़क परियोजना- मुंबई कोस्टल रोड प्रोजेक्ट (MCRP) का एक हिस्सा है जिसकी कुल लागत 12,721 करोड़ रुपये है. इस सुरंग की शुरुआत के बाद मुंबई वासियों को ट्रैफिक से निजात मिलेगी और यात्रा का समय भी कम होगा.
कितनी लंबी होगी सुरंग
मुंबई कोस्टल रोड परियोजना (MCRP) के हिस्से अंडर वाटर सी टर्मिनल की कुल लंबाई 2.07 किलोमीटर की होगी. इसकी खासियत ये है कि इसे समुद्र के नीचे बनाया जा रहा है. इस सुरंग को गिरगांव यानी मरीन ड्राइव से आगे शुरू होकर अरब सागर के अंदर से पार होते हुए मालाबार हिल के नीचे होकर प्रियदर्शिनी पार्क तक जाएगी. इस सुरंग के जरिये 45 मिनट का सफर केवल 10 मिनट में पूरा हो जाएगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस सुरंग का डायमीटर 12.19 मीटर का है. इस सुरंग का 1 किलोमीटर हिस्सा समुद्र तल से नीचे है. सुरंग समुद्र से करीब 20 मीटर नीचे है. इस सुरंग की शुरुआत और अंत का हिस्सा फाइबर ग्लास से बना है. अधिकारियों के मुताबिक इस टनल का 93 फीसदी तक का काम पूरा हो चुका है.
चीन की कंपनी की मदद से बनाया गया टनल
इस टनल को चीन की कंपनी चाइना रेलवे कंस्ट्रक्शन हैवी इंडस्ट्री कंपनी लिमिटेड (CRCHI) की मदद से बनाया गया है. भारत चीन सीमा विवाद, लॉकडाउन आदि के कारण इस कार्य में देर भी हुई है, लेकिन इस साल के अंत तक टनल के काम को पूरा कर लिया जाएगा. इस सुरंग में कुल 6 रास्ते होंगे. हर सुरंग में 3.2 मीटर की तीन लेन होगी. इस परियोजना को पूरा करने के लिए भारत का अबतक का सबसे बड़ी टनल बोरिंग मशीन (TBM) का इस्तेमाल किया गया है. इस TBM का वजन 1,700 टन जो 12 मीटर लंबा है. टीबीएम से जुड़ा काम एक साल पहले शुरू हुआ था.
कब तक शुरू होगा टनल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देश की पहली अंडर सी टनल की शुरुआत इस साल नवंबर से हो जाएगी. इससे पहले कोलकाता मेट्रो ने देश में इतिहास रचते हुए हुगली नदी के नीचे अपनी यात्रा को पूरा किया था. अप्रैल में इसका पहला ट्रायल रन किया गया है. इसके बाद साल के अंत तक इसकी कमर्शियल सेवाएं शुरू की जाएगी. यह मेट्रो 45 सेकंड में हुगली नदी के नीचे 520 मीटर की दूरी तय कर रही है.
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