Fiscal Deficit Data Update वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) घटकर 8.1 फीसदी पर आ गया है जो पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में 25.3 फीसदी रहा था. सरकार ने राजकोषीय घाटे का जो डेटा जारी किया है उसके मुताबिक अप्रैल-जून तिमाही में 1.36 लाख करोड़ रुपये राजकोषीय घाटा रहा है जबकि पहले दो महीने में ये घाटा 50,615 करोड़ रुपये रहा था. 


डेटा के मुताबिक अप्रैल-जून तिमाही में नेट टैक्स रिसिप्ट (Net Tax Receipt) 5.5 लाख करोड़ रुपये रहा है जो पूरे वर्ष के लक्ष्य का 21 फीसदी है. पिछले वित्त वर्ष में इस अवधि में नेट टैक्स रिसिप्ट 4.34 लाख करोड़ रुपये रहा था. अप्रैल से जून तिमाही के दौरान कुल खर्च (Expenditure) 9.7 लाख करोड़ रुपये रहा है जो पूरे वित्त वर्ष के लक्ष्य का 20.4 फीसदी है. पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के दौरान कुल खर्च 10.51 लाख करोड़ रुपये रहा था. पहली तिमाही में चुनावों के चलते सरकार के खर्च में कमी देखने को मिली है. 


अप्रैल-जून तिमाही में इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के लिए कैपिचल एक्सपेंडिचर (Capital Expenditure) पर सरकार ने 1.81 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं जो कि पूरे वित्त वर्ष के लक्ष्य का 16.3 फीसदी है. पिछले वर्ष इसी अवधि में सरकार ने 2.78 लाख करोड़ रुपये खर्च किए थे. सरकार के कुल खर्च में 2.64 लाख करोड़ ब्याज के भुगतान पर और 90,174 करोड़ रुपये सब्सिडी पेमेंट पर खर्च हुआ है. वित्त वर्ष 2024-25 में सरकार ने कैपिचल एक्सपेंडिचर के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए रेवेन्यू टारगेट को बढ़ाकर 31.3 लाख करोड़ रुपये कर दिया है जो कि अंतरिम बजट में 30 लाख करोड़ रुपये तय किया गया था. 


वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 23 जुलाई को बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को घटाकर जीडीपी का 4.9 फीसदी कर दिया है जो अंतरिम बजट में 5.1 फीसदी रखने का एलान किया गया था. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से 2 .11 लाख करोड़ रुपये मिले डिविडेंड के बाद सरकार ने लक्ष्य को घटाने का फैसला किया है. वित्त वर्ष 2023-24 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.6 फीसदी रहा था. वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 तक सरकार राजकोकोषीय घाटे को कम कर जीडीपी का 4.5 फीसदी तक लेकर आएगी. 


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