India Fiscal Deficit: मौजूदा वित्त वर्ष के 11 महीनों में 15.01 लाख करोड़ रुपये रहा राजकोषीय घाटा, सरकार ने जारी किया डेटा
Fiscal Deficit: अप्रैल से फरवरी के दौरान सरकार को टैक्स के जरिए 18.5 लाख करोड़ रुपये रेवेन्यू प्राप्त हुआ है. नॉन-टैक्स रेवेन्यू 3.6 लाख करोड़ रुपये रहा है
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India Fiscal Deficit: वित्त वर्ष 2023-24 के पहले 11 महीने अप्रैल से फरवरी के दौरान राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) 15.01 लाख करोड़ रुपये रहा है जो पूरे वर्ष के लिए तय टारगेट का 86.5 फीसदी है. बीते वित्त वर्ष 2022-23 के समान अवधि के दौरान रोजकोषीय घाटा 14.53 लाख करोड़ रुपये रहा था.
लेखा महानियंत्रक (CGA) ने गुरुवार 28 मार्च 2024 को अप्रैल से फरवरी तक के लिए राजकोषीय घाटे का डेटा जारी किया है. इस डेटा का मुताबिक भारत चालू वित्त वर्ष में 29 फरवरी 2024 तक भारत सरकार का कुल व्यय 37.47 लाख करोड़ रुपये रहा है जो बीते वर्ष के समान अवधि में 34.94 लाख करोड़ रुपये रहा था. पूंजीगत खर्च के मोर्चे पर अप्रैल से फरवरी के दौरान सरकार ने 8.05 लाख करोड़ रुपये खर्च किया है जो कि 2023-24 में कुल 10 लाख करोड़ के टारगेट का 84.8 फीसदी है. इससे पहले वित्त वर्ष के दौरान सरकार ने पूंजीगत खर्च के मद में 5.90 लाख करोड़ रुपये खर्च किया था.
डेटा के मुताबिक अप्रैल से फरवरी के दौरान सरकार को टैक्स के जरिए प्राप्त रेवेन्यू 18.5 लाख करोड़ रुपये रहा है जो कि कुल लक्ष्य का 79.6 फीसदी है. इससे पूर्व वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल से फरवरी के दौरान कुल कलेक्शन 17.32 लाख करोड़ रुपये रहा था. अप्रैल से फरवरी के दौरान सरकार का कुल रिसिप्ट 22.5 लाख करोड़ रुपये रहा है जो कि कुल टारगेट का 81.5 फीसदी है. इस अवधि के दौरान सरकार का नॉन-टैक्स रेवेन्यू 3.6 लाख करोड़ रुपये रहा है जो कि कुल टारगेट का 95.9 फीसदी है. सरकार के रिसिप्ट और कुल खर्च में 7.32 लाख करोड़ रुपये का अंतर रहा है जो कि पूरे साल के लिए लक्ष्य का 87 फीसदी है.
एक फरवरी 2024 को अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2023-24 में सरकार ने राजकोषीय घाटे को जीडीपी का 5.8 फीसदी रखने का लक्ष्य तय किया है और अगले वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान इसे घटाकर 5.1 फीसदी रखने का लक्ष्य है.
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