India Fiscal Deficit: चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अक्टूबर के बीच 7.6 लाख करोड़ रुपये पहुंचा राजकोषीय घाटा
India Fiscal Deficit Data: इस अवधि में टैक्स से प्राप्त राजस्व बढ़कर 11.71 लाख करोड़ रुपये जा पहुंचा है जबकि सरकार का खर्च 21.44 लाख करोड़ रुपये रहा है.

India Fiscal Deficit Data: वित्त वर्ष 2022- 23 के अप्रैल से अक्टूबर के बीच देश का राजकोषीय घाटा बढ़कर 7.58 लाख करोड़ रुपये पर जा पहुंचा है जो सलाना अनुमान का 45.6 फीसदी है. जबकि बीते महीने छह महीने के लिए जो आंकड़े जारी किए थे उसमें अप्रैल-सितंबर 2022 में राजकोषीय घाटा 6.20 लाख करोड़ रुपये रहा था जो कि पूरे साल के लक्ष्य का 37.3 फीसदी था. बीते वर्ष अप्रैल से अक्टूबर के बीच राजकोषीय घाटा अनुमान का 37.3 फीसदी रहा था.
इस अवधि में टैक्स से प्राप्त राजस्व बढ़कर 11.71 लाख करोड़ रुपये जा पहुंचा है जबकि सरकार का खर्च 21.44 लाख करोड़ रुपये रहा है. इस वर्ष बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 के राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जीडीपी का 6.4 फीसदी रखा है जो बीते वर्ष 6.7 फीसदी था.
अप्रैल से अक्टूबर के बीच सरकार का टैक्स रेवेन्यू 11 फीसदी के दर से बढ़ा है जबकि नॉन टैक्स रेवेन्यू 14 फीसदी घटा है. रेवेन्यू एक्सपेंडिचर में 10 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ कैपिटल एक्सपेंडिचर 62 फीसदी बढ़ा है जिसके चलते राजकोषीय घाटा 7.58 लाख करोड़ रुपये रहा है. माना जा रहा है कि इसके चलते 2022-23 में राजकोषीय घाटा सरकार के अनुमान से ज्यादा रह सकता है.
माना जा रहा है कि सरकार द्वारा मौजूदा वित्त वर्ष में किए जाने वाले अतिरिक्त खर्च के चलते राजकोषीय घाटा सरकार के अनुमान से 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रह सकता है. केंद्र सरकार ने सड़क से रेलवे तक आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर पर होने वाले खर्च में 40 फीसदी की बढ़ोतरी की है जिसके चलते भी घाटा बढ़ा है. वहीं निराशा करने वाली बात ये है कि 2022-23 की दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी के जो आंकड़े आये हैं उसके मुताबिक जीडीपी घटकर 6.3 फीसदी रहा है.
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