2 साल के हाई पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार, 6.39 अरब डॉलर के उछाल के साथ 642.49 बिलियन डॉलर हो गया रिजर्व
RBI Data: 15 दिनों के भीतर देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 16.86 बिलियन डॉलर का इजाफा देखने को मिला है. इसके पहले हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार में 10.47 बिलियन डॉलर का इजाफा देखने को मिला था.
India Forex Reserves: बैंकिंग सेक्टर के रेग्यूलेटर भारतीय रिजर्व बैंक के डेटा के मुताबिक 15 मार्च को खत्म हुए सप्ताह में भी विदेशी मुद्रा भंडार में जोरदार उछाल देखने को मिला है. फॉरेक्स रिजर्व 6.39 बिलियन डॉलर के उछाल के साथ 642.49 बिलियन डॉलर के लेवल पर जा पहुंचा है और पुराने ऐतिहासिक हाई को छूने से केवल 2.50 बिलियन डॉलर की दूरी पर है.
22 मार्च 2024 को आरबीआई ने 15 मार्च 2024 तक खत्म हुए सप्ताह तक के लिए विदेशी मुद्रा भंडार का डेटा जारी किया है. इस डेटा के मुताबिक इस अवधि के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 6.396 बिलियन डॉलर के उछाल के साथ 642.492 बिलियन डॉलर पर जा पहुंचा है. आंकड़े को देखें तो 15 दिनों के भीतर देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 16.86 बिलियन डॉलर का इजाफा देखने को मिला है. इसके पहले हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार में 10.47 बिलियन डॉलर का इजाफा देखने को मिला था.
आरबीआई के डेटा के मुताबिक इस अवधि में विदेशी करेंसी एसेट्स में 6.03 बिलियन डॉलर का उछाल देखने को मिला है और ये 568.38 बिलियन डॉलर पर आ चुका है. गोल्ड रिजर्व में भी उछाल देखने को मिला है. गोल्ड रिजर्व 425 मिलियन डॉलर बढ़कर 51.14 बिलियन डॉलर हो गया है. एसडीआर में 65 मिनियन डॉलर की बढ़ोतरी आई है और ये 18.27 बिलियन डॉलर रहा है. आईएमएफ के पास रिजर्व घटा है और ये 129 मिलियन डॉलर की कमी के साथ 4.68 बिलियन डॉलर रहा है.
आरबीआई का विदेशी मुद्रा भंडार अक्टूबर 2021 के 645 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड हाई से केवल 2.50 बिलियन डॉलर कम है. उम्मीद की जा रही है कि जिस प्रकार विदेशी पोर्टफोलियो निवेश इस हफ्ते बढ़ा है अगले हफ्ते आरबीआई का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले ऐतिहासिक हाई को पार कर सकता है. रूस और यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद कमोडिटी के दामों में तेज उछाल के बाद आरबीआई के विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी और ये घटकर 525 बिलियन डॉलर तक आ गया था.
विदेशी मुद्रा भंडार में उठापटक कई वजहों के चलते देखा जाता है. डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी को थामने के लिए भी आरबीआई को दखल देना पड़ा जिसके चलते विदेशी मुद्रा भंडार में कमी देखने को मिलती है. घरेलू करेंसी को संभालने या डॉलर के मुकाबले गिरावट रोकने के लिए जब भी आरबीआई दखल देता है तब विदेशी मुद्रा भंडार में बदलाव देखने को मिलता है.
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