Foreign Currency: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में, बीते दो महीने में लगभग 48 अरब डॉलर की गिरावट आई है. एक ओर जहां, सितंबर के अंत में यह अब तक के सबसे ऊंचे स्तर 704.88 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. वहीं, 22 नवंबर को समाप्त हफ्ते में 656.582 अरब डॉलर के साथ यह कई महीनों के निचले स्तर पर आ गया था.


हालांकि, बीते एक हफ्ते की बात करें तो 2 महीने की लगातार गिरावट के बाद भारत का विदेशी मुद्रा भंडार एक बार फिर उछला है. विदेशी मुद्रा भंडार 29 नवंबर को समाप्त हुए हफ्ते में 1.51 अरब डॉलर से बढ़कर 658.09 अरब डॉलर हो गया. हालांकि, ओवरऑल देखेंगे तो अभी भी भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में आपको भारी गिरावट ही देखने को मिलेगी. चलिए, आज इस खबर में इसके पीछे के कारण को समझते हैं.


क्यों घटा भारत का विदेशी मुद्रा भंडार


पिछले दो महीनों में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार के घटने का सबसे बडा कारण रुपये का दबाव में होना, यानी डॉलर के मुकाबले कमजोर होना है. क्योंकि, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत से डॉलर में अधिक मजबूती आ गई थी. रुपये का डॉलर के मुकाबले लगातार कमजोर होते जाने के कारण रिजर्व बैंक रुपये में गिरावट रोकने के लिए लगातार डॉलर बेच रहा था.


इन वजहों से भी घटा विदेशी मुद्रा भंडार


उधर, मध्य-पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव बढने के कारण विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से लगातार पैसा निकालकर चीन में निवेश कर रहे हैं. इससे निपटने के लिए रिजर्व बैंक लंबे समय से विदेशी मुद्रा बाजारों में रणनीतिक हस्तक्षेप की नीति का पालन कर रहा है, जो एक निश्चित विनिमय दर लक्ष्य को बनाए रखने के बजाय अधिक उतार-चढ़ाव को रोकने पर ध्यान केंद्रित करता है. इसमें रुपये के तेज गिरावट को रोकने के लिए डॉलर बेचने और मजबूती के समय डॉलर खरीदने जैसे उपाय शामिल हैं.


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