Fuel Demand in India: भारत में फ्यूल की डिमांड तेजी से बढ़ी है. जारी हुए एक आंकड़े के मुताबिक, भारत में ईंधन की मांग 24 साल के हाई लेवल पर पहुंच चुकी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ये मांग सस्ते रूसी तेल से बढ़ी है. फरवरी में ईंधन की खपत 5 फीसदी से बढ़कर 4.82 मिलियन बैरल प्री-डे (18.5 मिलियन टन) हो गई है, जो साल दर साल 15वीं बढ़ोतरी है. 


रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया है भारतीय तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण सेल (पीपीएसी) द्वारा संकलित आंकड़ों में मांग 1998 से ज्यादा दर्ज की गई है. Kpler के लीड क्रूड एनालिस्ट विक्टर कैटोना ने कहा कि फरवरी के दौरान ये मांग मजबूत रही है और अभी भी देश में खपत ज्यादा हो रही है. ऐसे में इसकी मांग और बढ़ने की संभावना है. 


फरवरी में ईंधन की कीमत में रिकॉर्ड बढ़ोतरी 


रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी में गैसोलीन या पेट्रोल की बिक्री सालाना आधार पर 8.9 फीसदी बढ़कर 2.8 मिलियन टन हो गई, जबकि डीजल की खपत 7.5 फीसदी बढ़कर 6.98 मिलियन टन हो गई. वहीं जेट ईंधन की बिक्री 43 फीसदी से ज्यादा बढ़कर 0.62 मिलियन टन हो गई है. जेट फ्यूल की कीमत में ये रिकॉर्ड बढ़ोतरी है. 


इन चीजों की घटी मांग 


ईंधन बिक्री के आंकड़ों से पता चलता है कि गैसोलीन और डीजल (HSD) की कुल मात्रा जनवरी की तुलना में फरवरी में गिरी है और डेली खपत बढ़ी है. दूसरी ओर, रसोई गैस या लिक्विड पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) की बिक्री 0.1 फीसदी गिरकर 2.39 मिलियन टन रही है. 


गिर सकती है ईंधन की मांग 


एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया था कि मार्च में मांग 5.17 मिलियन बैरल प्रति दिन (BPD) होगी और फिर मौसमी मानसून से चलने वाली मंदी के कारण अप्रैल-मई में 5 मिलियन बीपीडी तक गिर जाएगी. 


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