नई दिल्लीः भारत की जीडीपी की बढ़ोतरी दर बीते वित्त वर्ष यानी 2019-20 के दौरान बीते 11 वर्षों में सबसे कम रही है. 2019-20 मैं जीडीपी की बढ़ोतरी दर 4.2 फीसदी रही है जबकि 2018-19 के दौरान यह आंकड़ा 6 फीसदी था.


2019-20 की आखिरी तिमाही यानी जनवरी से मार्च 2020 के दौरान जीडीपी की बढ़ोतरी दर 3.1 फ़ीसदी रही है. बीते वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही के इस आंकड़े के साथ ही पूरे वित्त वर्ष की बढ़ोतरी दर महज 4.2 फीसदी रही है जो कि बीते 11 साल के दौरान सबसे कम है.


बता दें कि इससे पिछली तिमाही यानी अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में देश की जीडीपी 4.7 फीसदी पर आई थी जो कि करीब सात का निचला स्तर था. देश-दुनिया की तमाम एजेंसियों ने मार्च तिमाही में भारत की जीडीपी ग्राोथ 0.5 फीसदी से लेकर 3.6 फीसदी के बीच रहने की संभावना जताई है.


वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तीन तिमाही की जीडीपी दर
वित्त वर्ष 2019-20 की पहली यानी अप्रैल-जून तिमाही में देश की जीडीपी 5 फीसदी रही थी. इसके बाद दूसरी यानी जुलाई-सितंबर तिमाही में देश की जीडीपी 4.5 फीसदी पर रही थी. वहीं तीसरी यानी अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में देश की जीडीपी दर 4.7 फीसदी पर आई थी. हालांकि बाद में देश की जीडीपी के आंकड़ों को संशोधित किया गया था और पहली तिमाही में 5.6 फीसदी और दूसरी तिमाही में 5.1 फीसदी के जीडीपी आंकड़ों को बताया गया था.


जीडीपी आंकड़ों के लिए एजेंसियों का अनुमान
क्रिसिल ने वित्त वर्ष 2019-20 में देश की जीडीपी 4 फीसदी और मार्च तिमाही में 0.5 फीसदी रहने का अनुमान दिया था. एसबीआई रिसर्च ने मार्च तिमाही में 1.2 फीसदी और पिछले वित्त वर्ष में 4.2 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रहने का अनुमान दिया था. वहीं आईसीआईसीआई ने मार्च तिमाही में 1.5 फीसदी और पिछले पूरे वित्त वर्ष में 4.2 फीसदी आर्थिक विकास दर रहने का अनुमान दिया. इक्रा ने मार्च तिमाही में 1.9 फीसदी और पिछले वित्त वर्ष में 4.3 फीसदी की आर्थिक विकास दर का अनुमान दिया. इंडिया रेटिंग्स और केयर रेटिंग्स ने मार्च तिमाही में 3.6 फीसदी और पिछले वित्त वर्ष में 4.7 फीसदी आर्थिक विकास दर का अनुमान दिया है.