Indian Economy: अंतरराष्ट्रीय इनवेस्टमेंट बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विस फर्म गोल्डमैन सैक्श की ओर से भारत की इकोनॉमी को लेकर चिंता वाली खबर आई है. गोल्डमैन सैक्श ने भारत की ग्रोथ के अनुमान का कम कर दिया है. इस फर्म की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2023 में अपनी तेजी से बढ़ती आर्थिक विकास की रफ्तार को खो सकती है. वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की जीडीपी 8.7 फीसदी की दर से बढ़ी थी लेकिन आगे इसमें गिरावट देखी जाने की आशंका जताई गई है. 


क्या दिया है Goldman Sachs ने  भारत के लिए अनुमान
Goldman Sachs ने साल 2023 में भारत की आर्थिक विकास दर के 5.9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है जबकि इससे पहले ब्रोकरेज कंपनी ने इंडियन इकोनॉमी के 6.9 फीसदी की दर से जीडीपी के तरक्की करने का अनुमान दिया था.  


क्यों घटाया है भारत की जीडीपी का अनुमान
ब्लूमबर्ग में छपी रिपोर्ट के मुताबिक गोल्डमैन के इकोनॉमिस्ट एंड्रयू टिल्टॉन ने भारत के लिए यह अनुमान अपने नोट में दिया है. उन्होंने कहा है कि कर्ज लेने की ज्यादा लागत इसके पीछे की वजह तो है ही, इसके अलावा कोरोना महामारी के बाद चीजें दोबारा खुलने से जो फायदे मिल रहे थे- वो अब घट रहे हैं यानी कम हो रहे हैं.  वहीं महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याज दरों में जिस तरह से दुनियाभर के सेंट्रल बैंक सहित भारत का आरबीआई कर रहा है, उसका असर भी बढ़ती कॉस्ट और घटती डिमांड के रूप में दिखने को मिल सकता है. 


दो छमाही में अलग-अलग रहेगा भारत का प्रदर्शन
रिपोर्ट में अनुमान दिया गया है कि अगले कैलेंडर ईयर में भारत की जीडीपी का रुझान दोनों छमाहियों के दौरान अलग-अलग रहेगा. साल 2023 की पहली छमाही में आर्थिक विकास की रफ्तार धीमी रह सकती है. हालांकि 2023 की दूसरी छमाही तक वैश्विक स्थितियां सुधरने से भारत के लिए भी हालात सुधरने की उम्मीद है. 


भारत में आगे चलकर घटेगी महंगाई दर
हालांकि उन्होंने भारत की महंगाई दर के घटने का भी अनुमान दिया है जो एक अच्छा संकेत है. देश में रिटेल महंगाई की दर अगले साल (वित्त वर्ष 2023 में) घटकर 6.1 फीसदी पर आने का अनुमान दिया गया है जबकि इस साल यह 6.8 फीसदी पर रहने की संभावना है.


रिजर्व बैंक जारी रखेगा ब्याज दरों में इजाफा
गोल्डमैन सैक्श ने हालांकि कहा है कि भारत का केंद्रीय बैंक आरबीआई (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) देश में महंगाई कम करने के प्रयासों में आगे भी ब्याज दरों में इजाफा करेगा. RBI दिसंबर में एक बार फिर से ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है. इसके बाद फरवरी में भी नीतिगत ब्याज दरों में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी की जा सकती है. अगर इसी तरह हुआ तो रेपो रेट जो मौजूदा 5.9 फीसदी है वो बढ़कर 6.75 फीसदी पर आ जाएगा.


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