इन्फोसिस के संस्थापकों में से एक एन आर नारायणमूर्ति ने कहा है मौजूदा वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था आजादी के बाद सबसे खराब स्थिति में होगी. उनका कहना है कि आजादी के बाद जीडीपी में सबसे बड़ी गिरावट देखी जा सकती है. लिहाजा इसे संभालने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाए जाने चाहिए. मूर्ति ने कहा कि देश की जीडीपी में कम से कम पांच फीसदी गिरावट का अनुमान लगाया जा रहा है. हम 1947 बाद की सबसे बड़ी जीडीपी गिरावट देख सकते हैं.
ग्लोबल जीडीपी में पांच से दस फीसदी गिरावट की आशंका
नारायणमूर्ति ने कहा कि ग्लोबल जीडीपी नीचे गई है. ग्लोबल ट्रेड डूब रहा है. ग्लोबल ट्रैवल लगभग खत्म हो गया है. ऐसे में ग्लोबल जीडीपी में पांच से 10 फीसदी तक गिरावट होने का अनुमान है. मूर्ति ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन लगने के पहले दिन से ही उनका यही विचार रहा है कि लोगों को कोरोना वायरस के साथ ही जीवन जीने के लिए तैयार होना होगा. इसकी तीन वजह हैं- पहली- इसकी कोई दवा नहीं है, दूसरी कोरोना वायरस का कोई इलाज नहीं है और तीसरी अर्थव्यवस्था को रोका नहीं जा सकता है. इस महामारी की सबसे पहली संभावित वैक्सीन ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से आने की उम्मीद है. यह वैक्सीन देश में छह से नौ माह के भीतर ही उपलब्ध हो पाएगी.
उन्होंने कहा कि एक ऐसा सिस्टम डेवलप हो, जिसमें देश की अर्थव्यवस्था के हर सेक्टर का कारोबारी पूरी क्षमता के साथ काम कर सके. नारायणमूर्ति बेंगलुरु में ‘भारत की डिजिटल क्रांति का नेतृत्व’ विषय पर आयोजित एक सेमिनार में में भाग ले रहे थे. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस चर्चा में इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के ‘इंडिया डिजिटल कन्वर्सेशन के 16वें संस्करण के तहत आयोजित की गई थी.
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