RBI Bulletin: आरबीआई ने लेख में कहा, डेमोग्राफिक डिविडेंड का लाभ उठाने के लिए एक दशक तक 8-10% GDP ग्रोथ जरूरी
Inflation In India: आरबीआई बुलेटिन में महंगाई को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा गया है कि वैश्विक तनाव के चलते कच्चे तेल की कीमतों में उतार चढ़ाव जारी रह सकती है.
RBI Bulletin: भारतीय रिजर्व बैंक ( REserve Bank Of India) ने अपने मंथली बुलेटिन (Monthly Bulletin) में कहा है कि भारत को अपने डेमोग्राफिक डिविडेंड ( Demographic Dividend) का लाभ उठाने के लिए अगले एक दशक तक 8 से 10 फीसदी के दर से आर्थिक विकास करना होगा. आरबीआई ने अपने बुलेटिन में कहा कि अगले तीन दशकों तक विकास की आकाक्षाओं को पूरा करने के लिए ये जरूरी है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अगले एक दशक में 8 से 10 फीसदी के दर सालाना विकास करता रहे जिससे वो अपने डेमोग्राफिक डिविडेंड का लाभ ले सके जिसकी शुरुआत 2018 में हुई थी. आरबीआई ने कहा कि कैलकुलेशन बता रही है कि इसका फायदा भारत को 2055 तक मिलता रहेगा.
आरबीआई ने अपने बुलेटिन में कहा, भारत में 2021 से 2024 के बीच जो 8 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट देखने को मिला है उसमें और तेजी के ट्रेंड के लिए बड़े बदलाव के हालात तैयार हो रहे हैं. पब्लिक इंवेस्टमेंट और प्रोडक्टिविटी में सुधार के समर्थन के चलते ग्रोथ में तेजी देखी जा रही है. लेख में कहा गया कि, एशियन डेवलपमेंट बैंक ने भी माना है कि भारत में निजी निवेश में फिर से तेजी नजर आ रही है.
कच्चे तेल में उठापटक ने बढ़ाई चिंता
आरबीआई बुलेटिन में महंगाई को लेकर आगाह किया गया है. बुलेटिन में कहा गया है कि, प्रतिकूल मौसम के कारण महंगाई बढ़ने का खतरा बना हुआ है. इसके अलावा वैश्विक स्तर पर लंबे समय से जारी तनावपूर्ण स्थिति से कच्चे तेल की कीमतों में उठापटक की स्थिति बनी रह सकती है. खुदरा महंगाई दर मार्च 2024 में घटकर 4.9 फीसदी पर आ गई है जो पिछले दो महीने से औसतन 5.1 फीसदी बनी हुई थी.
सस्ते कर्ज की उम्मीदें कम
आरबीआई बुलेटिन में अर्थव्यवस्था की स्थिति पर कहा गया कि 2024 की पहली तिमाही में ग्लोबल ग्रोथ की गति बरकरार रही है और ग्लोबल ट्रेड की आउटलुक भी सकारात्मक नजर आ रही है. बुलेटिन के मुताबिक, मजबूत इंवेस्टमेंट डिमांड, मजबूत बिजनेस और कंज्यूमर सेंटीमेंट में मजबूती के चलते भारत की जीडीपी की ग्रोथ रेट में तेजी का माहौल बनने लगा है. पर बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में बॉन्ड यील्ड और कर्ज की ब्याज दरें बढ़ रही है. बुलेटिन के मुताबिक ब्याज दर में कमी को लेकर जो संभावनाएं नजर आ रही थी वो अब कमजोर पड़ रही है.
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