India GDP: देश की आर्थिक विकास दर या जीडीपी के लिए एसबीआई रिपोर्ट में एक अनुमान आया है जो कि उत्साहित करने वाला लग रहा है. चालू वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर) के बीच देश का सकल घरेलू उत्पाद या जीडीपी 8.1 फीसदी रह सकती है. वहीं पूरे वित्त वर्ष के लिए एसबीआई रिपोर्ट में 9.3-9.6 फीसदी का अनुमान दिया गया है. एसबीआई की इकोरैप रिपोर्ट में कहा गया है कि एसबीआई के नाउकास्टिंग मॉडल के मुताबिक मापी गई आर्थिक गतिविधियों से दूसरी तिमाही में 8.1 फीसदी की जीडीपी आने की उम्मीद है.
हालांकि एसबीआई ने अपनी रिपोर्ट में पूरे वित्त वर्ष के लिए जीडीपी की अनुमानित दर को संशोधित कर दिया है और इसे 9.3-9.6 फीसदी के बीच रहने का अनुमान दिया है जो पहले 8.5 फीसदी रहने का अनुमान रखा गया था.
क्या है रिजर्व बैंक का अनुमान
भारतीय रिजर्व बैंक या आरबीआई ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए जीडीपी के 9.5 फीसदी पर आने का अनुमान दिया है. दूसरी तिमाही के लिए 7.9 फीसदी, तीसरी तिमाही के लिए 6.8 फीसदी और चौथी तिमाही के लिए 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान दिया है.
दूसरी तिमाही में या तो आरबीआई के अनुमान के मुताबिक या एसबीआई के अनुमान के मुताबिक जीडीपी दर आएगी तो भी ये पहली तिमाही के 20.1 फीसदी के मुकाबले कम रहेगी. इसका कारण ये है कि लॉकडाउन खुलने के बाद आर्थिक गतिविधियां चलीं और वित्त वर्ष 2020-21 की आखिरी तिमाही में ये काफी कम रही थी जिसके बेस पर इसमें पहली तिमाही में जबरदस्त इजाफा देखा गया.
दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी में आ सकती है शानदार बढ़त
एसबीआई की रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि अगर अनुमानित 8.1 फीसदी की जीडीपी दर को हासिल कर लिया जाता है तो ये दुनिया की मानी गई सभी अर्थव्यवस्थाओं में से सबसे अच्छी रहेगी.
कृषि कानूनों पर भी रिपोर्ट में की गई है बात
एसबीआई की रिपोर्ट में कृषि कानूनों को लेकर भी कुछ तथ्य दिए गए हैं और इनमें कृषि सुधार के लिए पारंपरिक मॉडल से हटकर कुछ नए बदलाव लाने की सिफारिश की गई है. जैसे कि रिपोर्ट में कहा गया है कि एक मूल्य गारंटी के रूप में किसान जिस एमएसपी की मांग कर कर रहे हैं, उसकी जगह सरकार कम से कम पांच साल के लिए मात्रा की गारंटी देकर उन्हें नए-नए कृषि सुधारों के लिए उत्साहित कर सकती है, इससे किसानों और देश के एग्रीकलचर सेक्टर दोनों को फायदा मिलने की उम्मीद है.
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