India's GDP Estimate: भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर एक ऐसा अनुमान आया है जो इसके सबसे तेजी से बढ़ने के पूर्वानुमान पर आशंका के बादल गहरा सकता है. युनाइटेड नेशन्स कॉन्फ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट (UNCTAD) की ट्रेड एंड डेवलपमेंट रिपोर्ट 2022 के मुताबिक इस साल भारत की आर्थिक विकास दर यानी जीडीपी ग्रोथ गिरकर 5.7 फीसदी पर आ सकती है जो कि साल 2021 में 8.1 फीसदी पर आई थी. इसके पीछे ऊंची वित्तपोषण लागत और कमजोर सामाजिक खर्च का हवाला दिया गया है. इतना ही नहीं इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि साल 2023 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 4.7 फीसदी तक नीचे आ सकती है.


भारत की विकास दर में गिरावट आ रही- UNCTAD
साल 2021 में भारत की जीडीपी 8.2 फीसदी की दर से विकास दिखा पाई है जो G-20 देशों में सबसे ज्यादा मजबूत रही है. हालांकि UNCTAD की रिपोर्ट के मुताबिक जैसे-जैसे सप्लाई चेन में व्यवधान कम हुआ, बढ़ती घरेलू मांग ने चालू खाते के सरप्लस को घाटे में बदल दिया और यहां विकास दर में गिरावट देखी जा रही है.


व्यापार घाटा बढ़ रहा है-जीडीपी में गिरावट का संकेत 
देश में हाल के समय में यह देखा गया है कि सरकार द्वारा शुरू की गई प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम से कॉर्पोरेट निवेश को तो प्रोत्साहन मिल रहा है, लेकिन जीवाश्म ऊर्जा या फॉसिल फ्यूल के लिए बढ़ते आयात बिल व्यापार घाटे को बढ़ा रहे हैं. इसके चलते देश के विदेशी मुद्रा भंडार की आयात कवरेज क्षमता में गिरावट हो रही है. लिहाजा इसी रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय गतिविधियां ऊंची फाइनेंसिंग कॉस्ट और कमजोर सार्वजनिक व्यय से बाधित हो जाती है लिहाजा 2022 में जीडीपी विकास दर घटकर 5.7 फीसदी होने का अनुमान है.


भारत सरकार के हैं ये प्रयास
आगे चलकर भारत सरकार ने कैपिटल एक्सपेंडीचर बढ़ाने खासकर रेल और रोड सेक्टर में पूंजीगत व्यय को बढ़ाने का एलान किया है पर एक कमजोर अर्थव्यवस्था में नीति निर्माताओं पर इस बात का दबाव होगा कि वो वित्तीय असमानता को कम करें. इसके चलते पहले से ही गिरते खर्च को अन्य जगहों पर लगाने की स्थिति आ सकती है. UNCTAD की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारत की इकोनॉमी 2023 में इन्हीं सब कारणों से 4.7 फीसदी जीडीपी ग्रोथ तक नीचे आ सकती है.


रूस-यूक्रेन युद्ध से बदली स्थिति
रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के चलते पैदा हुए विभिन्न घटनाक्रम, जिसमें रूस से तेल आयात पर अमेरिकी प्रतिबंध और रूसी तेल निर्यात के लिए शिपिंग बीमा पर प्रतिबंध शामिल हैं, इन्होंने ग्लोबल तेल बाजारों पर अधिक दबाव डाला है और चूंकि भारत तेल का बड़ा आयातक है, इस पर भी संबंधित असर देखा गया है. 


चीन की जीडीपी 2023 में 5.3 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान
UNCTAD की रिपोर्ट में चीन की जीडीपी साल 2022 में 3.9 फीसदी रहने का अनुमान है जो 2021 में 8.1 फीसदी पर थी, इसके अगले साल 5.3 फीसदी की बढ़त का अनुमान है. चीन और मिस्र के इंपोर्ट में वस्तुओं की हिस्सेदारी 38 फीसदी जबकि भारत के इंपोर्ट में 50 फीसदी से ज्यादा फूड और फ्यूल वाली वस्तुएं हैं. इसके असर से ऊंची कीमतों वाली वस्तुओं का आयात बढ़ता है जिसके असर से घरेलू कीमतों बढ़ने का चलन देखा जाता है. 


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