India Gold Demand: भारत में इस समय फेस्टिव सीजन चल रहा है और सोने की जमकर खरीदारी देखी जा रही है. आज ही वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) ने 2024 की तीसरी तिमाही की गोल्ड डिमांड ट्रेंड्स रिपोर्ट पेश की है. भारत की सोने की मांग इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही में 18 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 248.3 टन रही. सोने की इंपोर्ट ड्यूटी में कमी के चलते गहनों-ज्वैलरी की मांग में सुधार देखा गया और गोल्ड मांग बढ़ी है. पिछले साल की इसी तिमाही में सोने की कुल मांग 210.2 टन रही थी.


ग्लोबल गोल्ड की डिमांड में सबसे ज्यादा उछाल


जुलाई-सितंबर 2024 में ग्लोबल सोने की मांग पांच फीसदी बढ़कर 1,313 टन हो गई, जो किसी भी तीसरी तिमाही में सबसे ऊंचे स्तर पर है. WGC की 2024 की तीसरी तिमाही की गोल्ड डिमांड ट्रेंड्स रिपोर्ट के मुताबिक एक साल पहले इसी अवधि में ग्लोबल डिमांड 1249.6 टन थी.


सोने की कीमतें अब तक के उच्चतम स्तर पर


रिपोर्ट के मुताबिक गोल्ड रेट यानी सोने की कीमतें अब तक के उच्चतम स्तर पर हैं, इसलिए निवेशकों में कीमतों में गिरावट का इंतजार करने की प्रवृत्ति बढ़ सकती है. पूरे साल सोने की मांग 700-750 टन के दायरे में रहने की संभावना है, जो पिछले साल से थोड़ी कम है. धनतेरस और शादियों के मद्देनजर सोने की कुल मांग बढ़ने की संभावना भी है. भारत की सोने की मांग 2023 में 761 टन रही थी.


धनतेरस की भारी मांग के बीच कीमतें महंगी


ज्वैलर्स और रिटेल दुकानदारों की ओर से धनतेरस की भारी मांग के बीच राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 300 रुपये बढ़कर 81,400 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई, जो अब तक का रिकॉर्ड उच्च स्तर है. वैल्यू के लिहाज से इस कैलेंडर ईयर की तीसरी तिमाही में सोने की मांग 53 फीसदी बढ़कर 1,65,380 करोड़ रुपये हो गई, जबकि 2023 की इसी अवधि में यह 1,07,700 करोड़ रुपये थी.


सोने की मांग सालाना आधार पर 18 फीसदी बढ़ी


2024 की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में भारत की सोने की मांग सालाना आधार पर 18 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 248.3 टन रही. जुलाई में सोने के आयात शुल्क में भारी कटौती से गहनों की मांग में सुधार हुआ. यह सोने के लिए 2015 के बाद से सबसे मजबूत तीसरी तिमाही रही. मांग 2023 की तीसरी तिमाही में 155.7 टन की तुलना में 10 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 171.6 टन हो गई है. 


WGC की वरिष्ठ बाजार विश्लेषक लुईस स्ट्रीट ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में निवेश और ‘ओवर-द-काउंटर’ गतिविधि में वृद्धि देखी गई, जिससे वैश्विक स्तर पर सोने की मांग बढ़ी और कीमतों में भी सुधार हुआ. हालांकि, सोने की ऊंची कीमत ने अधिकतर उपभोक्ता बाजारों में मांग को कम कर दिया, लेकिन भारत में आयात शुल्क में कटौती से रिकॉर्ड तोड़ कीमतों के माहौल के बीच आभूषण और बार व सिक्कों की मांग उल्लेखनीय रूप से बढ़ी हैं.


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