नई दिल्लीः भारत को बीते वित्त वर्ष 2018-19 में अब तक का सर्वाधिक 64.37 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश-फॉरेन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट (एफडीआई) मिला. एक सरकारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.


उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की 2018-19 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार देश में पिछले पांच साल के दौरान 286 अरब डॉलर का एफडीआई आया है. 2018-19 में देश में अब तक का सर्वाधिक 64.37 अरब डॉलर का एफडीआई आया है.


रिपोर्ट में एफडीआई के महत्व के बारे में बताते हुए कहा गया है कि विदेशी निवेश से संसाधन, आधुनिक प्रौद्योगिकी तथा सर्वश्रेष्ठ व्यवहार मिलता है जिससे आर्थिक वृद्धि दर को बढ़ाने में मदद मिलती है.


वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत डीपीआईआईटी ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान उठाए गए सुधार उपायों से भारत 2016-17 में हासिल एफडीआई के आंकड़े को पार करने में सफल रहा और 2017-18 में 60.98 अरब डॉलर का एफडीआई आया. यह उस समय तक एफडीआई का सबसे ऊंचा आंकड़ा था.


मोदी सरकार अक्सर आर्थिक मोर्चे पर विदेशी निवेश की बढ़ते आंकड़े को लेकर अपनी पीठ थपथपाती रही है. विदेश निवेश और विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार बढ़ोतरी को लेकर सरकार उत्साहित भी रहती है. अब इस खबर से सरकार को एक और मौका मिल गया है कि वो अपनी आर्थिक नीतियों को लेकर खुश हो सके.


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