IIP Data: देश में औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार में तेजी आई है. मई 2024 के घोषित डेटा के मुताबिक इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) 5.9 फीसदी के रफ्तार से बढ़ा है. माइनिंग, इलेक्ट्रसिटी सेक्टर्स के प्रोडक्शन में शानदार ग्रोथ के चलते औद्योगिक उत्पादन दर में ये तेजी देखने को मिली है. अप्रैल महीने में इंडस्ट्रियल आउटपुट 5 फीसदी के दर से बढ़ा था. जबकि मई 2023 में 5.7 फीसदी आईआईपी ग्रोथ रेट देखने को मिला था.  ये लगातार चौथा महीने है जब इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन 5 फीसदी से ज्यादा रेट से बढ़ा है. जबकि वित्त वर्ष 2024-24 के पहले दो महीने में औसत ग्रोथ 5.4 फीसदी रहा है. 


सांख्यिकी मंत्रालय ने खुदरा महंगाई दर के साथ आईआईपी का भी डेटा जारी किया है. इन आंकड़ों के मुताबिक मई महीनें में इलेक्ट्रिसिटी जेनरेशन 13.7 फीसदी के दर से बढ़ा है जो कि एक साल पहले इसी महीने में 0.9 फीसदी के दर से बढ़ा है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का आउटपुट 4.6 फीसदी के दर से बढ़ा है जो कि एक साल पहले मई 2023 में 6.3 फीसदी के दर से बढ़ा था. माइनिंग गतिविधि 6.6 फीसदी के दर से बढ़ी है जो कि एक साल पहले 6.4 फीसदी के दर से बढ़ी थी. 


आईआईपी डेटा पर कमेंट करते हुए नाइट फ्रैंक इंडिया के नेशनल डायरेक्ट रिसर्च विवेक राठी ने कहा, इलेक्ट्रिसिटी और कंट्रक्शन गुड्स के आउटपुट में बढ़ोतरी के चलते इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन का का ग्रोथ रेट 5.9 फीसदी रहा है जो ये बताने के लिए काफी है कि देश में इकोनॉमिक एक्टिविटी में तेजी आई है. उन्होंने कहा, मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट ग्रोथ धीमी रही है और लंबी अवधि में ग्रोथ के लिए इसमें तेजी आना जरूरी है. केयरएज रेटिंग्स की चीफ इकोनॉमिस्ट रजनी सिन्हा ने कहा, मई महीने में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन 5.9 फीसदी रहा है जो उम्मीद से बेहतर है और पिछले सात महीने में तेज रहा है. उन्होंने कहा, सबसे खास बात ये है कि बिजली की भारी मांग और हीटवेव के चलते इलेक्ट्रसिटी आउटपुट में डबल डिजिट ग्रोथ देखने को मिला है. 


प्राइमरी गुड्स मई 2024 में 7.3 फीसदी के दर से बढ़ा है. कैपिटल गुड्स 2.5 फीसदी, इंटरमीडिएट गुड्स 2.5 फीसदी, इंफ्रास्ट्रक्चर 6.9 फीसदी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स 12.3 फीसदी और नॉन-ड्यूरेबल्स कंज्यूमर ड्यूरेबल्स मई में 2.3 फीसदी के दर से बढ़ा है. 23 जुलाई को मौजूदा वित्त वर्ष के लिए बजट पेश होगा और ये माना जा रहा है कि देश में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने पर बजट में जोर दिया जा सकता है.  


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