India Import From Russia: भारत और रूस के बीच जमकर कारोबारी गतिविधियां देखी जा रही हैं. रूस से भारत का इंपोर्ट दोगुना हो चुका है. अप्रैल-जुलाई में रूस से भारत का इंपोर्ट दोगुना होकर 20.45 अरब डॉलर पर पहुंच गया है जबकि अप्रैल-जुलाई 2022 के दौरान रूस से इंपोर्ट 10.42 अरब डॉलर रहा था. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है.
रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद देश के ऑयल इंपोर्ट में रूस का हिस्सा 40 फीसदी से ज्यादा हुआ
रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के पहले भारत के ऑयल इंपोर्ट कैटेगरी में रूस की हिस्सेदारी एक फीसदी से भी कम हुआ करती थी लेकिन अब यह बढ़कर 40 फीसदी से अधिक हो चुकी है. वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक कच्चे तेल और फर्टिलाइजर्स का इंपोर्ट बढ़ने से चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों यानी अप्रैल से जुलाई के दौरान भारत का दूसरा सबसे बड़ा इंपोर्ट स्रोत रूस बन गया है. वित्त वर्ष 2024 के पहले चार महीनों में रूस से होने वाला इंपोर्ट इससे पिछले साल की समान अवधि से तुलना करने पर दोगुनी बढ़त दिखा रहा है.
रूस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों के बाद भारत को ज्यादा तेल इंपोर्ट करने का मौका मिला
चीन और अमेरिका के बाद भारत दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा बड़ा इंपोर्टक देश है. यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए तो भारत को उससे रियायती दर पर कच्चा तेल खरीदने का मौका मिला. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल-जुलाई अवधि में चीन से भारत का इंपोर्ट घटकर 32.7 अरब डॉलर रह गया जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 34.55 अरब डॉलर था.
अमेरिका से भी घटा भारत का इंपोर्ट
इसी प्रकार अमेरिका से भारत का इंपोर्ट घटकर 14.23 अरब डॉलर हो गया जबकि साल भर पहले की समान अवधि में यह 17.16 अरब डॉलर था. संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से इंपोर्ट भी अप्रैल-जुलाई 2023 के दौरान घटकर 13.39 अरब डॉलर हो गया जबकि पिछले साल की इसी अवधि में यह 18.45 अरब डॉलर था.
निर्यात के मोर्चे पर इस अवधि में शीर्ष 10 गंतव्यों में से सात देशों को भारत का निर्यात घटा है. अमेरिका, यूएई, चीन, सिंगापुर, जर्मनी, बांग्लादेश और इटली को वस्तुओं का निर्यात घटा है जबकि ब्रिटेन, नीदरलैंड्स और सऊदी अरब को निर्यात में पॉजिटिव बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
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