देश में कोरोना लहर की पहली संक्रमण के साथ ही घर से काम करने का सिलसिला यानी वर्क फ्रॉम होम से कम करने का सिलसिला शुरू हो गया था. देश को कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर भी आ गई और अब यह थोड़ी कम होती दिख रही लेकिन देश की कंपनियों में वर्क फ्रॉम होम को खत्म करने की कोई जल्दबाजी नहीं दिख रही है. आईटीसी, मारुति सुजुकी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स, टोयोटा किर्लोस्कर, गोदरेज, फ्लिपकार्ट, अमेजन, वेदांता ग्रुप, नेस्ले,पारले जैसी कंपनियां अपने कॉरपोरेट और रीजनल दफ्तरों का काम वर्क फ्रॉम होम से ही कर रही हैं. 


कई राज्यों में फिलहाल लॉकडाउन और कोरोना प्रतिबंध लागू


देश में इन राज्यों में फिलहाल लॉकडाउन और कोरोना प्रतिबंध लागू हैं, वहां अगले सप्ताह से इसमें कुछ छूट देने की संभावना दिख रही लेकिन बड़ी कंपनियों ने कहा है कि वे अगस्त-सितंबर तक वर्क फ्रॉम होम को जारी रख सकते हैं. इन कंपनियों का कहना देश में वैक्सीनेशन की रफ्तार, संक्रमण दर और तीसरी लहर की आशंकाओं के हिसाब से वह कोई फैसला लेंगीं. कुछ कंपनियों का कहना है कि कर्मचारियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है. लिहाजा वे कोई जोखिम नहीं लेना चाहतीं. 


कंपनियों ने कहा, दफ्तर खोलने की जल्दबाजी नहीं


कुछ कंपनियों ने कहा है कि उनका काफी काम वर्क फ्रॉम होम हो रहा है. इसलिए दफ्तर खोलने की कोई जल्दबाजी नहीं है. वहीं कई ऑटो कंपनियों ने अपना प्रोडक्शन बंद रखा है. कुछ राज्यों में वाहन कंपनियों को प्रोडक्शन प्लांट खोलने की इजाजत दी गई है लेकिन उनसे कहा गया है कि वे सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का सख्ती से पालन करें. चेन्नई में हुंडई और रेनो-निसान के प्लांट में इसे लेकर कुछ विवाद भी हुआ था. वहां कर्मचारियों ने जबरदस्ती काम करवाने का आरोप लगाया था. बहरहाल हुंडई ने पांच दिनों के लिए चेन्नई प्लांट में प्रोडक्शन बंद रखने का ऐलान किया है. 


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