Laptop Import: सरकार ने लैपटॉप, कंप्यूटर इंपोर्ट के लाइसेंसिग नियमों को किया आसान, अब नए सिस्टम से होगा आयात
Laptop Import: नई लाइसेंसिंग या मंजूरी व्यवस्था का उद्देश्य मुख्य रूप से इन उत्पादों के इंपोर्ट की निगरानी करना है.
Laptop Import: केंद्र सरकार ने लैपटॉप, कंप्यूटर जैसे आईटी हार्डवेयर प्रोडक्ट्स के इंपोर्ट के लिए पुराने लाइसेंसिंग नियमों में बदलाव किया है. अब ऐसे प्रोडक्ट्स के इंपोर्ट के लिए एक ऑनलाइन मंजूरी प्रणाली स्थापित की गई है. ध्यान रहे कि सरकार ने अगस्त में कहा था कि लैपटॉप, टैबलेट और कंप्यूटर के इंपोर्ट को एक नवंबर से लाइसेंस व्यवस्था के तहत रखा जाएगा. हालांकि वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने पिछले हफ्ते एक प्रेस कॉन्फ्रेस में कहा था कि भारत में लैपटॉप और कंप्यूटर के इंपोर्ट पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा. उन्होंने ये भी कहा था कि सरकार इंपोर्टर्स के इंपोर्ट की खेप की निगरानी करेगी.
तत्काल प्रभाव से लागू होगी नई व्यवस्था
विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) संतोष कुमार सारंगी ने कहा, "नई लाइसेंसिंग या मंजूरी व्यवस्था का उद्देश्य मुख्य रूप से इन उत्पादों के इंपोर्ट की निगरानी करना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे विश्वसनीय स्रोतों से आ रहे हैं. यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू होगी."
एंड-टू-एंड ऑनलाइन सिस्टम शुरू किया गया
उन्होंने कहा कि इंपोर्ट पर अंकुश को लेकर हितधारकों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए नीति में कुछ बदलाव किए गए हैं. इंपोर्टर्स के लिए 'एंड-टू-एंड' ऑनलाइन प्रणाली शुरू की गई है. सारंगी ने कहा कि यह सिस्टम इंपोर्टर्स के लिए बिना कहीं जाए और बिना संपर्क विवरण भरने की सुविधा प्रदान करेगी. नई लाइसेंस व्यवस्था भारत की विश्वसनीय सप्लाई-चेन सुनिश्चित करने के लिए लैपटॉप, पर्सनल कंप्यूटर (टैबलेट कंप्यूटर सहित), माइक्रो कंप्यूटर, बड़े या मेनफ्रेम कंप्यूटर और कुछ डेटा प्रोसेसिंग मशीनों पर लागू है.
इंपोर्टर्स शुरू कर सकते हैं आवेदन
डीजीएफटी ने कहा कि एक इंपोर्टर अभी से इंपोर्ट का लाइसेंस प्राप्त करने के लिए प्रणाली पर एप्लीकेशन दे सकता है. इसमें मात्रा, मूल्य या किसी देश पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा. नई प्रणाली की तैयारी में राजस्व विभाग भी शामिल है और पूरी आवेदन प्रक्रिया में लगभग 10 मिनट का समय लगेगा और सरल लाइसेंस स्वचालित तरीके से जारी किया जाएगा.
किनको नहीं मिलेगा लाइसेंस
हालांकि 'अस्वीकृत इकाई सूची' में शामिल कंपनियों को लाइसेंस नहीं मिलेगा. ऐसी सूची में वे कंपनियां शामिल हैं जिन्होंने अग्रिम प्राधिकरण और निर्यात संवर्धन पूंजीगत सामान (ईपीसीजी) जैसी योजनाओं का लाभ उठाकर निर्यात दायित्वों को पूरा नहीं किया है या चूक की है, या उनके खिलाफ डीआरआई (राजस्व आसूचना निदेशालय) के मामले चल रहे हैं."
पुराना सामान या रीफर्बिश्ड वस्तुओं का इंपोर्ट करने की इच्छुक कंपनियों को भी इस लाइसेंस के लिए आवेदन करने की अनुमति नहीं होगी क्योंकि उनके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) अलग है. संतोष सारंगी ने कहा, "हालांकि, एक ऑनलाइन प्रणाली लागू की गई है, लेकिन ये आईटी हार्डवेयर उत्पाद अब भी अंकुश की श्रेणी के अंतर्गत हैं और इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है."
यह घोषणा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार ने चार अगस्त को घोषणा की थी कि घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और चीन जैसे देशों से इंपोर्ट में कटौती करने के उद्देश्य से इंपोर्टर्स को एक नवंबर से इन वस्तुओं के इंपोर्ट के लिए लाइसेंस की जरूरत होगी. हालांकि बाद में सरकार की ओर से इसमें ढील देने का एलान किया गया.