समावेशी विकास की सूची में भारत 62वें स्थान पर, पाकिस्तान और चीन से भी पीछे
जब किसी विकास की प्रक्रिया में समाज के सभी वर्गों जैसे कि गरीब, अमीर, महिला, सभी जाति और संप्रदाय के लोग शामिल हों तो ऐसे विकास को समावेशी विकास कहते हैं.
दावोस: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) में हिस्सा लेने के लिए स्विट्जरलैंड के दावोस में जा रहे हैं. लेकिन डब्ल्यूईएफ द्वारा जारी की गई समावेशी विकास सूचकांक रिपोर्ट भारत के लिए चिंता की बात है. इन्क्लूसिव डेवलपमेंट इंडेक्स में भारत उभरती अर्थव्यवस्थाओं में 62वें स्थान पर है. इस मामले में भारत चीन और पाकिस्तान से भी पीछे है. चीन 26वें स्थान पर है और पाकिस्तान 47वें स्थान पर है.
जब किसी विकास की प्रक्रिया में समाज के सभी वर्गों जैसे कि गरीब, अमीर, महिला, सभी जाति और संप्रदाय के लोग शामिल हों तो ऐसे विकास को समावेशी विकास कहते हैं. डब्ल्यूईएफ ने अपनी सालाना शिखर बैठक शुरू होने से पहले यह सूची जारी की है. नॉर्वे दुनिया की सबसे समावेशी आधुनिक विकसित अर्थव्यवस्था बना हुआ है. वहीं लिथुआनिया उभरती अर्थव्यवस्थाओं में टॉप पर है.
हालांकि भारत का कुल अंक निचले स्तर पर है, लेकिन फिर भी भारत उन दस उभरती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है जो बढ़ रही हैं. विकसित अर्थव्यवस्थाओं में नॉर्वे के बाद आयरलैंड, लग्जमबर्ग, स्विट्जरलैंड और डेनमार्क टॉप-5 में शामिल हैं.
डब्ल्यूईएफ ने कहा कि इस इंडेक्स में रहन सहन का स्तर, पर्यावरण की स्थिती और कर्ज के बोझ से संरक्षण आदि पहलुओं को शामिल किया जाता है. डब्ल्यूईएफ की वार्षिक शिखर बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सहित दुनिया के कई बड़े नेता भाग ले रहे हैं.
डब्ल्यूईएफ ने विश्व नेताओं से कहा कि वे तेजी से समावेशी वृद्धि और विकास के नए माडल की ओर बढ़ें. मंच ने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर उपलब्धि हासिल करने के लिए सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) पर निर्भरता बढ़ने से असमानता की स्थिति पैदा हो रही है. बता दें कि भारत पिछले साल 79 विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में 60वें स्थान पर था, जबकि चीन 15वें और पाकिस्तान 52वें स्थान पर था.
साल 2018 के इंडेक्स में 103 अर्थव्यवस्थाओं के विकास का आंकलन किया गया है. यह आंकलन तीन निजी स्तंभों, वृद्धि और विकास, समावेशन और अंतर पीढ़ी इक्विटी के आधार पर किया गया है. इसे दो हिस्सों में बांटा गया है. पहले हिस्से में 29 विकसित अर्थव्यवस्थाओं और दूसरे में 74 उभरती अर्थव्यवस्थाओं को शामिल किया गया है.
इस इंडेक्स में विभिन्न देशों के पांच साल के समावेशी विकास और वृद्धि को पांच सब-कैटेगरी में बांटा गया है. ये कैटेगरी हैं घटना, धीरे-धीरे घटना, स्थिर, धीमी वृद्धि या वृद्धि.
इंडेक्स में टॉप पर छोटे यूरोपीय देश हैं. टॉप-10 में नौवें स्थान पर आस्ट्रेलिया एकमात्र गैर यूरोपीय देश है. जी-7 की अर्थव्यवस्थाओं में जर्मनी 12वें, कनाडा 17 वें, फ्रांस 18वें, ब्रिटेन 21वें, अमेरिका 23वें, जापान 24वें और इटली 27वें स्थान पर है. टॉप-5 समावेशी उभरती अर्थव्यवस्थाओं में लुथिआना, हंगरी, अजरबैजान, लातविया और पोलैंड है. ब्रिक्स देशों में रूस 19वें, चीन 26वें, ब्राजील 37वें, भारत 62वें और दक्षिण अफ्रीका 69वें स्थान पर है.