आईपीओ से फंड जुटाने में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर, 2008 के बाद सबसे ज्यादा निवेश
भारत आईपीओ से फंड जुटाने में सबसे आकर्षक बाजार के तौर पर उभरा है. अमेरिका और चीन के बाद भारत तीसरा बड़ा बाजार बन कर उभरा है.
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भारत में 2020 और इस साल अब तक आईपीओ की झड़ी लगी है. हर आईपीओ को निवेशकों का शानदार रेस्पॉन्स मिल रहा है. हालत यह है कि पिछले साल के बाद इस साल भी अब तक सबसे ज्यादा फंड आईपीओ से जुटाया गया है. आईपीओ से फंड जुटाने में भारत पूरी दुनिया में तीसरे नंबर पर है. वर्ष 2020 में आईपीओ के जरिये फंड जुटाने में भारत अमेरिका और चीन के बाद तीसरे नंबर पर रहा है. 2008 के बाद भारतीय कंपनियों ने इस साल यानी वर्ष 2021 में अब तक सबसे अधिक फंड जुटाया है.
वर्ष 2021 में अब तक सबसे अधिक फंड जुटा
भारतीय कंपनियों ने 2008 के बाद इस साल यानी वर्ष 2021 में अब तक सबसे अधिक फंड जुटाया है. इस साल ( 2021) में शुरुआती तीन महीनों में ही कंपनियों ने पब्लिक इश्यू के जरिये 2.2 बिलियन डॉलर से अधिक यानी 16,000 करोड़ रुपये से अधिक फंड जुटाए हैं. यानी 2008 के बाद पिछले 13 वर्षों में किसी भी साल के शुरुआती तीन महीनों में आईपीओ के जरिये भारतीय कंपनियों की ओर से जुटाई गई यह सबसे बड़ी राशि है. पिछले साल यानी वर्ष 2020 में भारतीय कंपनियों ने आईपीओ के जरिये के 967 अरब रुपये जुटाए हैं. विश्लेषकों का कहना है कि एफआईआई और खुदरा निवेशकों ने पिछले एक साल में आईपीओ में जम कर निवेश किया है.
भारी निवेश की वजह
विश्लेषकों का कहना है विदेशी संस्थागत निवेशकों के भारी निवेश, कॉरपोरेट कंपनियों की अच्छी कमाई और केंद्र सरकार की ओर से सार्वजनिक खर्च में बढ़ोतरी की वजह से 2020 की दूसरी छमाही से अब तक शेयर बाजार ऊंचाई पर पहुंच गए हैं. मार्केट में बीच-बीच में थोड़ी गिरावट के बावजूद मोटे तौर पर मजबूती है. इस वजह से आईपीओ के निवेशकों का अच्छा रेस्पन्स मिल रहा है. कंपनियां भी बुलिश मार्केट का फायदा उठाकर फंड जुटाने के इस मौके को भूना रही हैं. विश्लेषकों का कहना है कि दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों की ओर से अर्थव्यवस्थाओं को राहत पैकेज देने के बाद भी उभरती अर्थव्यवस्थाओं में निवेश आया है. इस वजह से भी आईपीओ बाजार में मजबूती आई है.
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