Manufacturing PMI: भारत में अक्टूबर में मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधियों में हल्की बढ़त देखी गई है और इसके आधार पर एसएंडपी ग्लोबल मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई इंडेक्स (S&P Global Manufacturing PMI) में इजाफा दर्ज किया गया है. अक्टूबर में मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई बढ़कर 55.3 पर आ गया है जो सितंबर में 55.1 के स्तर पर था.
सितंबर में मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई तीन महीने के निचले स्तर पर चली गई थी पर अक्टूबर में इसमें सुधार देखा गया है जो दिखाता है कि देश में उत्पादन गतिविधियों में रिकवरी देखी जा रही है. मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में ग्रोथ बनी हुई है क्योंकि पीएमआई का 50 से अधिक होना ग्रोथ को प्रदर्शित करता है जबकि 50 से नीचे होना संकुचन को दर्शाता है.
कीमतों का दवाब भी बना रहा है
नये ऑर्डर और उत्पादन में धीमी लेकिन मजबूती गति से बढ़ोतरी के बीच भारत में विनिर्माण गतिविधियां अक्टूबर में मजबूत रहीं हैं, हालांकि, इस दौरान कीमतों का दबाव भी बना रहा. एसएंडपी ग्लोबल इंडिया मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई से ये बात सामने आई है. मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल इंडिया विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) सितंबर में 55.1 से बढ़कर अक्टूबर में 55.3 हो गया है. सर्वेक्षण में कहा गया है, ''विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार उल्लेखनीय दर से बढ़ा है, जो मार्च 2005 में इन आंकड़ों का संग्रह शुरू होने के बाद से सबसे मजबूत महीनों में एक रहा है.'
कारखाने के ऑर्डर और प्रोडक्शन में जोरदार इजाफा
एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में अर्थशास्त्र की संयुक्त निदेशक पोल्याना डी लीमा ने कहा, ''भारतीय विनिर्माण उद्योग ने अक्टूबर में फिर से लचीलापन दिखाया है. कारखाने के ऑर्डर और उत्पादन में जोरदार वृद्धि हुई है.'' सर्वेक्षण के मुताबिक भारतीय विनिर्माता अक्टूबर 2023 तक उत्पादन में बढ़ोतरी को लेकर आश्वस्त हैं. लीमा ने कहा कि विनिर्माताओं को उम्मीद है कि आने वाले महीनों में मांग में उछाल बना रहेगा.
अक्टूबर के पीएमआई आंकड़ों के साथ ही लगातार 16वें महीने में समग्र परिचालन स्थितियों में सुधार देखने को मिला है. पीएमआई की भाषा में 50 से अधिक अंक का अर्थ है कि गतिविधियों में विस्तार हो रहा है, जबकि 50 से कम अंक संकुचन को दर्शाते हैं.
कल कोर सेक्टर्स की ग्रोथ का डेटा भी बेहतर
कल शाम आए बुनियादी उद्योगों का ग्रोथ डेटा भी बेहतर आया है और सितंबर में 8 कोर सेक्टर्स का उत्पादन 7.9 फीसदी पर आया है जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत साबित हुआ है.
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