अंग्रेजी में एक कहावत है... Never too late to start. इसका मतलब हुआ कि कोई भी नई शुरुआत करने में कभी भी देरी नहीं होती है. आपकी उम्र या परिस्थिति चाहे जो हो, आप उसके बाद भी किसी नई चीज की शुरुआत कर सकते हैं और ईमानदारी व मेहनत के दम पर सफलता भी हासिल कर सकते हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही कहानी बताने जा रहे हैं. यह कहानी एक ऐसे इंसान की है, जिसने उम्र के उस पड़ाव पर उद्यमी जीवन की शुरुआत की, जब लोग रिटायर होकर घर बैठ जाते हैं. इसी अनोखी बात के कारण आज वह शख्स भारत के सबसे उम्रदराज अरबपति हैं.


इतनी है लक्ष्मण मित्तल की नेटवर्थ


यह कहानी है भारत के सबसे प्रमुख ट्रैक्टर ब्रांड में से एक सोनालिका ट्रैक्टर्स के संस्थापक व चेयरमैन लक्ष्मण दास मित्तल की. अभी उनकी उम्र 92 साल है और फोर्ब्स के हिसाब से उनकी मौजूदा नेटवर्थ 2.5 बिलियन डॉलर है. पिछले सप्ताह केशव महिंद्रा के निधन के बाद अब लक्ष्मण दास मित्तल ही भारत के सबसे उम्रदराज अरबपति बन गए हैं. अब तक यह दर्जा केशव महिंद्रा के पास था.


60 साल तक थे एलआईसी एजेंट


लक्ष्मण दास मित्तल की कहानी अनोखी है. वह पहले एलआईसी एजेंट हुआ करते थे. उन्होंने एलआईसी एजेंट के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया. 60 साल की उम्र तक एलआईसी एजेंट के रूप में काम करने के बाद वह रिटायर हो गए. उन्हें खाली बैठना पसंद नहीं था तो रिटायरमेंट के बाद कोई और काम खोजने लगे. करीब 6 साल तक कुछ न कुछ करते रहने के बाद अंत में उन्होंने एक उद्यमी के रूप में काम की शुरुआत की.


इतनी उम्र में शुरू किया काम


लक्ष्मण मित्तल का जन्म साल 1931 में पंजाब के होशियारपुर में हुआ. वह 1990 में एलआईसी एजेंट के रूप में काम करने के बाद रिटायर हुए. उसके बाद उन्होंने मारुति की डीलरशिप लेने का प्रयास किया. डीलरशिप नहीं मिल पाने पर उन्होंने खुद का बिजनेस शुरू किया. जब उन्होंने सोनालिका समूह की शुरुआत की थी, तब उनकी उम्र 66 साल हो चुकी थी.


इतना फैल चुका है नेटवर्क


इस बारे में मित्तल ने खुद एक इंटरव्यू में कहा था कि कैसे वह मारुति उद्योग की डीलरशिप लेने के प्रयास में लगे थे और अब वह खुद लोगों को डीलरशिप मुहैया करा रहे हैं. उनकी बात सच भी है. सोनालिका अभी भारत का तीसरा सबसे बड़ा ट्रैक्टर ब्रांड है. सोनालिका के ट्रैक्टरों को भारत से बाहर भी खूब पसंद किया जाता है. कंपनी के ट्रैक्टरों के 2 लाख से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय ग्राहक हैं, जो 140 देशों में हैं.


अभी भी देखते हैं कंपनी का काम


मित्तल अब सोनालिका का कामकाज अगली पीढ़ी को सौंप चुके हैं. अभी कंपनी का कामकाज उनके बेटे अमृत सागर और दीपक तथा पोते रमण, सुशांत और राहुल संभाल रहे हैं. हालांकि वह अब भी कंपनी से पूरी तरह से अलग नहीं हुए हैं. लक्ष्मण मित्तल आज भी समूह के चेयरमैन हैं और सक्रियता से कामकाज देखते हैं. उम्र की परवाह किए बिना सक्रिय बने रहना ही उनकी सफलता का राज भी है...


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