वर्ल्ड यूनिकॉर्न रैंकिंग में भारत चौथे स्थान पर है. इस रैंकिंग में अमेरिका पहले और चीन दूसरे स्थान पर है. एक अरब डॉलर की स्टार्ट कंपनियों को यूनिकॉर्न कहते हैं.हुरून रिसर्च इंस्टीट्यूट की 2020 लिस्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में 586 यूनकॉर्न हैं. ये यूनिकॉर्न 29 देशों के 145 शहरों से बिजनेस कर रही हैं. इस साल इनमें 92 की बढ़ोतरी हो रही है. औसतन इन यूनिकॉर्न की उम्र नौ साल है.
सबसे ज्यादा यूनिकॉर्न अमेरिका में
सबसे ज्यादा यूनिकॉर्न अमेरिका में है. अमेरिका में 233 यूनिकॉर्न हैं और चीन में 227. दुनिया की 78 फीसदी यूनिकॉर्न अमेरिका और चीन में हैं. चीन के बाद यूनिकॉर्न के मामले में ब्रिटेन और भारत का नंबर है.भारत में 21 यूनिकॉर्न हैं और उनकी कुल वैल्यू 73.2 अरब डॉलर हैं. फिनटेक कंपनी पेटीएम भारत की सबसे बड़ी यूनिकॉर्न कंपनी है इसकी कुल वैल्यू है 16 अरब डॉलर. देश की यूनिकॉर्न कंपनियों की कुल वैल्यू में 78 फीसदी हिस्सेदारी टॉप दस यूनिकॉर्न कंपनियों की है. कुल वैल्यू में अकेले पेटीएम की हिस्सेदारी 22 फीसदी है.
पेटीएम सबसे आगे
भारतीय यूनिकॉर्न औसतन सात साल पुरानी है. इनमें से सिर्फ दो ने चार साल पहले काम शुरू किया है.ओला इलेक्ट्रिक इस सूची में सबसे नई यूनिकॉर्न है. यह 2017 में शुरू हुई थी. इससे पहले 2016 में उड़ान शुरू हुई थी.भारत की यूनिकॉर्न लिस्ट में इस साल भारत तीन नई कंपनियां जुड़ी हैं. वैल्यूएशन के मामले में पीटीएम शीर्ष पर है. एक साल में पेटीएम की वैल्यूएशन सबसे ज्यादा बढ़ी है. एक साल में इसके वैल्यूएशन में 6 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है. इसके बाद ओयो का नंबर है जिसकी वैल्यूएशन में इस साल तीन अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है.भारत की एक तिहाई यूनिकॉर्न ई-कॉमर्स सेक्टर में बिजनेस करती हैं. उड़ान, ओयो रूम्स, बिग बास्केट, लेंसकार्ट, पेटीएम मॉल और फर्स्ट क्राई ई-कॉमर्स में काम करती हैं.
भारत की यूनिकॉर्न में निवेश करने वालों में सॉफ्टबैंक सबसे आगे हैं. भारत की लगभग 50 फीसदी यूनिकॉर्न में सॉफ्टबैंक का ही निवेश है. दुनिया भर की यूनिकॉर्न कंपनियों में निवेश करने में अमेरिकी इनवेस्टमेंट कंपनी सिकोया कैपिटल सबसे आगे है. दुनिया की हर पांचवीं कंपनी में सिकोया का निवेश है. इसके अलावा टेनसेंट, सॉफ्ट बैंक, टाइगर, आईडीजी, गोल्डमैन सैक्स और अलीबाबा भी बड़ी निवेशक हैं.