5 Trillion Dollar Economy Mission: मौजूदा वित्त वर्ष 2022-23 में पूंजीगत खर्च पर जोर देने के चलते आने वाले सालों में घरेली मैन्यूफैकचरिंग में जबरदस्त तेजी आने की उम्मीद है. इसके चलते रोजगार के अवसर भी देश में बढ़ेंगे. वित्त मंत्रालय ने रिकॉर्ड टैक्स कलेक्शन को लेकर जारी किए गए बैकग्राउंडर रिपोर्ट में ये बातें कही है. वित्त मंत्रालय के मुताबिक इन कदमों के चलते देश में टैक्स कलेक्शन में तेजी आएगी. 


वित्त मंत्रालय के मुताबिक केंद्र सरकार का पूरा फोकस भारत को ग्लोबल इकोनॉमिक पावरहाउस बनाने पर है और जो हाल में सरकार ने कदम उठाये हैं उसके चलते देश के आर्थिक विकास को गति मिली है जो कि हाल में देश के जीडीपी ग्रोथ के आंकड़ों से पता लगता है. मंत्रालय के मुताबिक इन कदमों के चलते राजस्व कलेक्शन बढ़ा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिकल्पना के मुताबिक भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह की ओर अग्रसर है. 


वित्त मंत्रालय के मुताबिक टैक्स कलेक्शन में तेजी के चलते 2021-22 में  टैक्स जीडीपी अनुपात बढ़कर 11.7 फीसदी रहा है. वैश्विक महामारी के बाद सरकार के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के चलते इकोनॉमिक रिकवरी तेजी हुई है जिसके चलते चलते रिकॉर्ड टैक्स कलेक्शन देखने को मिला है. वित्त मंत्रालय के मुताबिक , बीते वित्त वर्ष 2021-22 में टैक्स रेवेन्यू रिकॉर्ड 34 फीसदी बढ़कर 27.07 लाख करोड़ रुपये रहा है जो कोविड-19 की तीन लहरों के बाद अर्थव्यवस्था में तेज रिकवरी को दर्शाता है. 



मंत्रालय ने कहा कि कोविड ​​​​-19 के कारण जरूर कुछ समय के लिये अर्थव्यवस्था को झटका लगा. लेकिन सरकार ने हाल के वर्षों में बाजार मूल्य पर जीडीपी वृद्धि दर को 10 फीसदी से ऊपर बरकरार रखा है. जीएसटी देश के जीडीपी को आगे बढ़ाने को लेकर एक बड़ा कदम रहा है. वित्त मंत्रालय के मुताबिक, यह दिखाता है कि बिना छूट के साथ कम दर वाली नई सरलीकृत टैक्स व्यवस्था सफल रही है. कंपनियों के लिये कारोबार सुगमता बढ़ी है और कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था को गति मिल रही है और सरकार के लिये कर राजस्व बढ़ रहा है. 


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