Pharma Export: फार्मा एक्सपोर्ट 14.57 अरब डॉलर पर पहुंचा, देश बनेगा फार्मा बाजार की वैश्विक शक्ति
India Pharma Export Increased: देश का फार्मा एक्सपोर्ट अप्रैल से अक्टूबर महीने के दौरान 4.22 प्रतिशत बढ़कर 14.57 अरब डॉलर पर पहुंच गया है.
India Pharma Export Increased: देश के फार्मा सेक्टर (Pharma Sector) से बड़ी खबर सामने आ रही है. चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से अक्टूबर माह के दौरान फार्मा सेक्टर से एक्सपोर्ट 4.22 फीसदी बढ़कर 14.57 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 के पहले 7 महीने में निर्यात में यह वृद्धि पिछले महीने आई गिरावट के बावजूद हासिल हुई है. फार्मास्यूटिकल एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल ऑफ़ इंडिया ने यह जानकारी दी है. ये संगठन वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाला संगठन है.
जानें कितना होगा निर्यात
इस बारे में कहना है कि चालू वित्त वर्ष 2022-23 में फार्मा निर्यात का आंकड़ा 27 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. पिछले वित्त वर्ष में यह 24.62 अरब डॉलर रहा था. पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में फार्मा निर्यात 13.98 अरब डॉलर रहा था. संगठन की ओर से बताया गया है कि वैक्सीन या टीके की श्रेणी में हमारे निर्यात की काफी खराब स्थिति है.
युद्ध के चलते निर्यात बिगड़ासंग
रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से भी निर्यात प्रभावित हुआ है. इसके बावजूद देश का कुल फार्मा निर्यात बढ़ा है. देश के कुल फार्मा निर्यात में 67.5 प्रतिशत या करीब 5 अरब डॉलर की हिस्सेदारी अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको (नाफ्टा देशों), यूरोप और अफ्रीका की रही है.
अक्टूबर में कम हुआ निर्यात
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, अक्टूबर माह में फार्मा निर्यात 5.45 प्रतिशत गिरकर 1.95 अरब डॉलर रहा है. अक्टूबर, 2022 में भारत का कुल निर्यात पिछले साल के समान महीने की तुलना में 16.65 प्रतिशत घटकर 29.78 अरब डॉलर रह गया है. अप्रैल-अक्टूबर 2022 के दौरान निर्यात में 12.55 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की और यह 263.35 अरब डॉलर रही है. भास्कर ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण लगे प्रतिबंधों के अलावा कुछ प्रमुख देशों की मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने से भी अक्टूबर के दौरान निर्यात में गिरावट आई है.
स्वास्थ्य मंत्री जताई थी मजबूती
हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्वीट कर कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत वैश्विक फार्मा बाजार की एक शक्ति बन गया है.अमेरिकी डॉलर के मुकाबले नाइजीरियाई नायरा में निरंतर गिरावट ने उस देश का आयात धीमा किया है.
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