नई दिल्ली: इंडिया पोस्ट को भारतीय रिजर्व बैंक से पेमेंट बैंक का कारोबार शुरू करने का लाइसेंस मिल गया है. भारतीय डाक विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
अधिकारी ने कहा, ‘ये सेवाएं कार्यक्रम के अनुसार शुरू की जाएंगी.’ भारती और पेटीएम के बाद भारतीय डाक भुगतान बैंक वह तीसरा कारोबारी संगठन है जिसे पेमेंट बैंक सेवा कारोबार शुरू करने का लाइसेंस दिया गया है.
रिजर्व बैंक ने भुगतान बैंकों को एक व्यक्ति या कारोबारी इकाई से ज्यादा से ज्यादा एक लाख रूपए तक की जमा राशियां स्वीकार करने की छूट दी है. बैंक सेवाओं के विस्तार के इस माडल में बोबाइल फोन सेवा कंपनियों और सुपर-मार्केट श्रृंखला कंपनियांे को व्यक्तियों और छोटे व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की कारोबार की लेन-देन की जरूरतों को सुगम बनाने के लिए इस तरह के बैंक चालू करने की अनुमति देने का प्रावधान है.
ये बैंक छोटी राशि की जमाएं लेने और पैसा हस्तांतरित करने जैसी सेवाएं देंगे. ये इंटरनेट बैंकिंग और कुछ अन्य विनिर्दिष्ट सेवाएं भी दे सकेंगै. 2015 में केंद्रीय बैंक ने 11 कंपनियों या कंपनियों के गठबंधनों को भुगतान बैंक का लाइसेंस देने की सैद्धांतिक सहमति दी थी जिसमें से कुछ ने अपनी योजना छोड़ दी है.
इस लाइसेंस के तहत इंडिया पोस्ट पेमेंट शुरू कर सकेगा. पेमेंट बैंक की शर्तों के अनुसार वह आम जमाकर्ताओं और छोटे कारोबारियों से एक लाख रुपये तक का डिपॉजिट स्वीकार कर सकेगा. नए मॉडल की बैंकिंग में मोबाइल कंपनियों, सुपरमार्केट और अन्य संस्थानों को आम लोगों और छोटे कारोबारियों को बैंकिंग सेवाएं देने के लिए लाइसेंस दिये जा रहे हैं. ये बैंक सामान्य बैंकों से अलग होगा. उन्हें सीमित डिपॉजिट लेने, रेमिटेंस यानी मनी ट्रांसफर, इंटरनेट बैंकिंग और कुछ अन्य सेवाएं देने की अनुमति दी गई है.
आरबीआइ ने 2015 में इंडियो पोस्ट समेत 11 कंपनियों और संस्थानों को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी. इसके तहत वे पेमेंट बैंक शुरू कर सकते थे. सैद्धांतिक मंजूरी में ही उन्हें भविष्य में लाइसेंस देने का प्रस्ताव किया गया था. हालांकि टेक महिंद्रा, सन फार्मा, आइडीएफसी, टेलीनोर फाइनेंशियल सर्विसेज और चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी ने बाद में पेमेंट बैंक बनने की अर्जी वापस ले लीं.