Pre-Installed Apps Rule: आप जब भी कोई नया स्मार्टफोन खरीदते होंगे, आपको अपने नए फोन में पहले से ही कई ऐप मिल जाते होंगे. ग्राहकों में कइयों को यह पसंद आता है, क्योंकि इनमें से कुछ ऐप बहुत काम के होते हैं. वहीं ऐसे भी कई ग्राहक हैं, जो पहले से इंस्टॉल किए गए ऐप्स को पसंद नहीं करते हैं, क्योंकि इनमें से ज्यादातर का कभी इस्तेमाल ही नहीं हो पाता है. अगर आपको भी अपने नए फोन में पहले से इंस्टॉल ऐप नहीं चाहिए तो खुश हो जाइए. सरकार ने आपके लिए खास तैयारी की है.


कंपनियों को देनी होगी ये सुविधा


रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार पहले से स्मार्टफोन में डाले गए ऐप यानी प्री-इंस्टॉल्ड ऐप्स को लेकर सख्ती बरतने जा रही है. सरकार स्मार्टफोन कंपनियों को इस बात के लिए बाध्य कर सकती है कि वे यूजर्स को अपने फोन से कोई भी ऐप हटाने की सुविधा दें. अभी पहले से इंस्टॉल किए गए ऐप्स को हटाने का विकल्प नहीं दिया जाता है. सरकार को लगता है कि पहले से फोन में डाले गए ये ऐप राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकते हैं.


ओएस अपडेट्स की भी प्री-स्क्रीनिंग


भारत सरकार इसके अलावा एक और तैयारी में है. सरकार इस बारे में भी नियम बना सकती है कि जब भी कंपनियां अपने ऑपरेटिंग सिस्टम में मेजर अपडेट करें, तो उसकी पहले अनिवार्य स्क्रीनिंग होगी. प्री-इंस्टॉल्ड ऐप्स की बात करें तो उन्हें हटाने की सुविधा को लेकर यूरोपियन यूनियन ने पहले से ही कानून बनाया हुआ है. हालांकि ओएस अपडेट की प्री-स्क्रीनिंग को लेकर दुनिया में पहली बार कहीं कानून बनने जा रहा है.


सरकार को सता रहीं ये चिंताएं


रॉयटर्स की खबर के अनुसार, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय यूजर्स के डेटा के दुरुपयोग, जासूसी आदि जैसी चिंताओं को लेकर इन नए नियमों पर विचार कर रहा है. खबर में एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि प्री-इंस्टॉल्ड ऐप्स सुरक्षा को लेकर कमजोर कड़ी हो सकते हैं. सरकार चाहती है कि चीन समेत कोई भी अन्य देश इस कमजोर कड़ी का गलत लाभ न उठाए. यह एक राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला है.


इन कंपनियों को हो सकता है नुकसान


हालांकि अभी आधिकारिक तौर पर इन नियमों को लेकर कुछ नहीं कहा गया है. भारत अभी स्मार्टफोन का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है. अगर नए नियम लागू होते हैं तो देश में विभिन्न स्मार्टफोन कंपनियों के लॉन्च कार्यक्रम पर असर पड़ सकता है. नए नियम से सैमसंग, श्याओमी, वीवो और एपल समेत तमाम उन स्मार्टफोन कंपनियों को अच्छा-खासा नुकसान हो सकता है, जो प्री-इंस्टॉल्ड ऐप्स से पैसे कमाती हैं.


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