Iran Israel Conflict: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि ईरान और इजरायल के बीच बढ़े तनाव के बाद अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले किसी भी प्रकार के प्रभाव को कम करने के लिए भारत सरकार पूरी तरह से तैयार है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार मौजूदा हालात को लेकर पूरी तरीके से अलर्ट है.
सीएनबीएसी आवाज को दिए इंटरव्यू में निर्मला सीतारमण ने कहा, जैसे जैसे हालात बदलते रहेंगे भारत के हितों को ध्यान में रखते हुए हम फैसले लेने की तैयार कर रहे हैं. इस तनाव के बाद कच्चे तेल के दामों में बहुत बड़ी तेजी अबतक देखने को नहीं मिली है. हालांकि मिडिल ईस्ट में किसी प्रकार के तनाव बढ़ने से भारत के लिए कच्चा तेल का आयात करना महंगा हो सकता है जिससे भारत को इंपोर्ट बिल बढ़ सकता है. कच्चा तेल आयात करने के मामले में भारत दुनिया का तीसरा बड़ा देश है और अपने खपत का 85 फीसदी कच्चा तेल भारत आयात करता है.
वित्त मंत्री ने कहा कि पश्चिमी देशों के द्वारा प्रतिबंध लगाये जाने के बाद कच्चे तेल के दामों में आए से भारत को राहत दिलाने के लिए रूस से कच्चा तेल आयात किया गया था. उसी प्रकार जब भी ऐसी चुनौतियां खड़ी होगी तब सरकारी विभागों से चर्चा के बाद भारत के हितों को ध्यान में रखते हुए फैसले लिए जायेंगे. निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम पूरी तरीके से सतर्क रहेंगे.
ब्रेंट क्रूड ऑयल फिलहाल 87 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है तो WTI क्रूड ऑयल 82.49 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा है. ऊपरी स्तरों से कच्चे तेल के दामों में गिरावट आई है. पिछले हफ्ते कच्चा तेल 19 डॉलर प्रति बैरल के पार जा पहुंचा था. ईरान के इजरायल पर हमले के बाद ये बाद ये आशंका जाहिर की जा रही थी कि कच्चे तेल के दामों में तेज उछाल आएगी. हालांकि अब तक ऐसा देखने को नहीं मिला है. लेकिन इजरायल अगर जवाबी कार्रवाई करता है तो दामों में तेज उछाल आ सकता है.
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