Palm Oil Import: भारत ( India) का रिफाइंड पाम तेल (आरबीडी) का आयात पिछले 11 माह में 2.7 गुना होकर 17.12 लाख टन हो गया. उद्योग संगठन एसईए ने कल कहा कि इंडोनेशिया में कीमतें घटने से आयात बढ़ा है. सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने कहा कि देश ने एक साल पहले की समान अवधि में 6.28 लाख टन रिफाइंड पाम तेल का आयात किया था. तेल वर्ष नवंबर से अक्टूबर तक चलता है.
दुनिया के प्रमुख वनस्पति तेल खरीदार भारत का वनस्पति तेलों का आयात वित्त वर्ष 2021-22 की नवंबर-सितंबर अवधि के दौरान चार फीसदी बढ़कर 130.1 लाख टन हो गया.
एसईए के मुताबिक, इंडोनेशिया ने कच्चे पाम तेल (सीपीओ) पर शुल्क को तीन महीने पहले तक अधिक रखते हुए रिफाइंड पाम तेल पर सीमा शुल्क दिया था. इसने इंडोनेशियाई निर्यातक रियायती दरों पर रिफाइंड पाम तेल का निर्यात कर पाए, जिससे अगस्त-सितंबर में भारत के आरबीडी पामोलिन के आयात में तेजी से वृद्धि हुई .
हालांकि, इस अवधि के दौरान देश का सीपीओ आयात घटकर 52.37 लाख टन रह गया. एक साल पहले की समान अवधि में यह 68.64 लाख टन था. वहीं कुल पाम तेल का आयात नवंबर-सितंबर के दौरान घटकर 70.28 लाख टन रह गया. एक साल पहले की समान अवधि में 76.27 लाख टन था. एसईए के आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर-सितंबर के दौरान सोयाबीन और सूरजमुखी जैसे हल्के तेलों का आयात बढ़कर 56.35 लाख टन हो गया.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में पाम ऑयल ( Palm Oil) की कीमतों में भारी गिरावट के बाद भारत ने अगस्त महीने में रिकॉर्ड पाम ऑयल का आयात किया है. जुलाई महीने के मुकाबले अगस्त 2022 में पाम आयल के आयात में 87 फीसदी का उछाल आया है जो कि 11 महीने में सबसे अधिक है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में पाम ऑयल के दाम एक साल के निचले स्तर पर आ चुका है. भारत दुनिया के बड़े पाम ऑयल के आयातक ( Palm Oil Importer) देशों में शामिल है. इससे जहां देश में खाने के तेल में कमी लाने में मदद मिलेगी. वहीं सबसे बड़े उत्पादक देश इंडोनेशिया को इंवेंटरी घटाने में मदद मिलेगी.
विदेशी बाजारों में मंदी का असर सभी कमोडिटी के दामों पर पड़ रहा है जिसमें खाने के तेल के दाम भी शामिल है. विदेशी बाजारों में गिरावट के बाद स्थानीय बाजारों में तेल-तिलहन के दामों पर पड़ा है. अंतरराष्ट्रीय बाजारों में खाने के तेल के दामों में गिरावट आई है. पाम ऑयल के दाम एक साल के निचले स्तरों पर जा लुढ़का है. वैश्विक मंदी के आहट के चलते सोयाबीन, सीपीओ, पामोलिन और सूरजमुखी की कीमतें लगभग आधे से भी कम हो गई है. दूसरी ओर, सोयाबीन की नयी फसल की छिटपुट आवक भी शुरू हो गयी है जिससे इसकी कीमतों पर असर पड़ा है.
ये भी पढ़ें
5G को लेकर कितने उत्साहित हैं भारतीय? अतिरिक्त पेमेंट के लिए कितने लोग तैयार-जानकर चौंकेंगे