India GDP: ग्लोबल इकोनॉमी की रिकवरी में भारत बना ब्राइट स्पॉट, पर खाद्य महंगाई ने बढ़ाई सरकार की चिंता
Monthly Economic Review: रिपोर्ट के मुताबिक, RBI और IMF ने पॉजिटिव आउटलुक के साथ भारत के ग्रोथ रेट के अनुमान को बढ़ा दिया है. RBI ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए GDP ग्रोथ रेट 7% रहने का अनुमान जताया है.
Monthly Economic Review: वित्त मंत्रालय ने मार्च 2024 के लिए मंथली इकोनॉमिक रिव्यू जारी किया है जिसमें मंत्रालय ने कहा कि, वैश्विक अर्थव्यवस्था की रिकवरी में भारत ब्राइट स्पॉट (Bright Spot) बना हुआ है. मंत्रालय ने कहा है कि मजबूत घरेलू डिमांड, ग्रामीण डिमांड में सुधार, निवेश में तेजी और बढ़ते मैन्युफैक्चरिंग के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था में जोरदार तेजी देखी रही है. हालांकि मंत्रालय ने अपने रिपोर्ट में कहा कि खाद्य महंगाई में उछाल सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है.
RBI और IMF ने बढ़ाया GDP अनुमान
वित्त मंत्रालय का डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स हर महीने मंथली इकोनॉमिक रिव्यू जारी करता है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक और इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड ने पॉजिटिव आउटलुक के साथ भारत के ग्रोथ रेट के अनुमान को बढ़ा दिया है. भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने लेटेस्ट एमपीसी मीटिंग में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2024 में शेयर बाजार ने इतिहास रचा है. बीएसई सेंसेक्स और एनएसई का निफ्टी ऐतिहासिक हाई को छूने में कामयाब रहा है. तो गुड्स एंड सर्विसेज कलेक्शन में भी तेजी बनी रही साथ ही मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज सेक्टर्स का ग्रोथ भी शानदार रहा है जो घरेलू अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाता है जिससे पूरे भारतीय अर्थव्यवस्था को फायदा मिला है. सेंटीमेंट में सुधार के चलते कंज्यूमर और निवेशकों का भरोसा बढ़ा है जो वैश्विक चुनौतियों से निपटने की भारत की क्षमता को जाहिर करता है.
कोविड के बाद महंगाई निचले लेवल पर
मंथली इकोनॉमिक रिव्यू में कहा गया कि खुदरा महंगाई दर कोविड महामारी के बाद अपने निचले लेवल पर घटकर आ गया है. वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान खुदरा महंगाई दर पर काबू पाने में सरकार सफल रही है. वित्त वर्ष 2022-23 में जो खुदरा महंगाई दर 6.7 फीसदी थी वो 2023-24 में घटकर 5.4 फीसदी पर आ गई है जो कि आरबीआई के टोलरेंस बैंड के अपर लेवल से कम है. पेट्रोल डीजल और रसोई गैस के दामों में कमी करने से महंगाई पर काबू पाने के सरकार के कदम का सकारात्मक असर पड़ा है.
Ministry of Finance @FinMinIndia releases Monthly Economic Review #MER for March 2024.
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) April 25, 2024
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फूड इंफ्लेशन बनी चिंता का सबब
वित्त मंत्रालय ने कहा कि भारत में खाद्य महंगाई फरवरी 2024 में 8.7 फीसदी से घटकर मार्च 2024 में 8.5 पर आ गई है. साग-सब्जियों और दालों के चलते भारत में खाद्य महंगाई देखी जा रही है. सरकार के लिए खाद्य महंगाई चुनौती बनी हुई है. हालांकि सरकार ने जरूरी फूड आईटम्स के बफर स्टॉक को बढ़ाकर, ओपन मार्केट में समय समय पर इसे जारी कर, जरूरी खाद्य वस्तुओं के इंपोर्ट को आसान कर, स्टॉक लिमिट लगातार कर जमाखोरी को रोककर, रिटेल आउटलेट्स के जरिए सप्लाई को बढ़ाकर खाद्य महंगाई पर शिकंजा कसने का प्रयास किया है. वित्त मंत्रालय का कहना है कि मौसम विभाग ने इस मानसून सीजन में सामान्य से ज्यादा बारिश की भविष्यवाणी की है और अच्छी के साथ पूरे देश में बारिश का डिस्ट्रीब्यूशन बेहतर रहा तो खाद्य वस्तुओं का प्रोडक्शन में उछाल देखने को मिल सकता है जिससे खाद्य महंगाई पर काबू पाया जा सकेगा.
पूरी दुनिया खाद्य महंगाई से परेशान
वित्त मंत्रालय ने कहा कि उच्च खाद्य महंगाई दुनिया के बड़े अर्थव्यवस्थाओं के लिए भी चुनौती बनी हुई है. जर्मनी, इटली, दक्षिण अफ्रीका, फ्रांस और यूनाइटेड किंग्डम हाई फूड प्राइसेज का सामना कर रहे हैं. उच्च खाद्य महंगाई दर से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर लगातार जरूरी कदम उठाये जाने की दरकार है.
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